Bhavantar Yojana: मध्य प्रदेश में भावांतर योजना की फिर से शुरुआत हो रही है. सोयाबीन फसल की खरीदी के साथ यह योजना शुरू हो जाएगी. ऐसे में मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक और अच्छी खबर है, सीएम मोहन यादव ने भावांतर योजना के तहत सोयाबीन फसल के लिए रजिस्ट्रेशन करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
उन्होंने अधिकारियों और कलेक्टरों के साथ बैठक करते हुए कहा कि सोयाबीन बोवनी करने वाले किसानों को भावांतर योजना का लाभ दिलाना है, ऐसे में सोयाबीन की फसल अब पककर तैयार होने वाली है, ऐसे में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अब सभी जिलों में शुरू होगी. बता दें कब भावांतर योजना की अवधि 1 नवंबर से 2025 से 31 जनवरी 2026 के बीच रखने के निर्देश सरकार ने दिए हैं.
मध्य प्रदेश में भावांतर योजना फिर से शुरू हो गई है, सीएम मोहन यादव ने हाल ही में इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया था, जबकि अब उन्होंने योजना के तहत सोयाबीन फसल के लिए भावांतर योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
योजना के लिए किसानों को कराना होगा पंजीयन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान पहले की तरह मंडियों में सोयाबीन बेचेंगे। अगर एमएसपी से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो किसानों के घाटे की भरपाई भावांतर योजना के तहत सरकार करेगी। फसल के बेचने के दाम और न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के अंतर की राशि सीधे सरकार देगी।
फसल नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा भी देंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जहां भी सोयाबीन की फसल अतिवृष्टि या किसी रोग के कारण खराब हुई है, ऐसे सभी क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल क्षति का सर्वे कराया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि सर्वे के बाद किसानों को सोयाबीन की फसल के नुकसान का समुचित मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों को भावांतर भुगतान योजना से उनके खाते में बोनस का पैसा दिया जाएगा।
सोयाबीन का समर्थन मूल्य
मध्य प्रदेश में सोयाबीन का समर्थन मूल्य भी केंद्र सरकार की तरफ से तय कर दिया गया है. सोयाबीन की फसल का समर्थन मूल्य इस बार 5328 रुपए प्रति क्विंटल रहेगा. सरकार फसल पर किसानों को उनके परिश्रम का पूरा लाभ दिलाएगी.
भावांतर योजना का फायदा
भावांतर योजना में रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा, अगर उनकी सोयाबीन की फसल 5328 रुपए प्रति क्विंटल से कम में जाती है तो फिर बची हुई राशि उन्हें भावांतर योजना के तहत सरकार की तरफ से भुगतान करवाई जाएगी.
रजिस्ट्रेशन
मध्य प्रदेश के किसान भावांतर योजना के तहत 10 अक्टूबर से फसलों का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होगी. बता दें कि भावांतर योजना की अवधि 1 नवम्बर से 2025 से 31 जनवरी 2026 तक रहेगी.
ये भी विकल्प
किसान भाई भावांतर योजना के लिए ऑनलाइन के अलावा कृषि विभाग के माध्यम से भी अपना रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं, इसके अलावा रजिस्टर्ड किसान रकबे के सत्यापन की प्रक्रिया राजस्व विभाग के तहत करवा सकते हैं, जिसके बाद भावांतर योजना का पैसा सीधा किसानों के खाते में जाएगा.
गड़बड़ी न हो
सीएम मोहन यादव ने कलेक्टरों के साथ वर्चुअल बैठक करते हुए निर्देश दिए हैं कि भावांतर योजना में किसी भी जिले में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने की व्यवस्था की जाए. योजना का लाभ हितग्राही को सीधा मिलना चाहिए.
क्या है भावांतर योजना
दरअसल, भावांतर योजना किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम मूल्य दिलाने की प्रक्रिया है. जैसे सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5328 रुपए है, लेकिन किसी किसान को उसकी फसल का 4700 रुपए मिला है तो बाकि का 728 रुपए उसे राज्य सरकार की तरफ से दिया जाएगा.