Modi Cabinet : मोदी कैबिनेट ने किसानों की आय बढाने और खाद्य सुरक्षा के मद्देनज़र बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने पीएम राष्ट्र कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने किसानों और इन्फ्रास्ट्र्कचर विकास से जुड़ी कई परियोजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज इन योजनाओं को मंजूरी दी गई।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि सरकार ने PM राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के लिए 1 लाख 1321 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा 63 हजार करोड़ रुपये से अधिक की चेन्नई मेट्रो फेज-2 परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं।
वैष्णव ने बताया कि एक तरह से किसानों की आय से जुड़े लगभग हर बिंदु को 1,01, 321 करोड़ रुपए के कार्यक्रम के तहत कवर किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा कार्यक्रम है जिसके कई घटक हैं। सभी घटकों को कैबिनेट ने अलग-अलग योजनाओं के रूप में मंजूरी दी है। बकौल अश्विनी वैष्णव, ‘अगर कोई राज्य किसी एक योजना से जुड़ी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) लेकर आता है, तो उसे इस योजना के तहत मंजूरी दी जाएगी।’
रेलवे कर्मचारियों को बोनस का तोहफा
इसके साथ ही रेलवे कर्मचारियों को भी बोनस का तोहफा देने की मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है। रेलवे में उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता देते हुए कैबिनेट ने 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों को 2028.57 करोड़ रुपये के 78 दिनों के बोनस के भुगतान को मंजूरी दी है। यह राशि विभिन्न श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप एक्ससी कर्मचारियों को दी जाएगी।
चेन्नई मेट्रो फेज 2 को भी मंजूरी
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि चेन्नई मेट्रो फेज 2 को भी मंजूरी मिली है। इस पर 63,246 करोड़ रुपये खर्च होंगे. ये फेज 119 किलोमीटर का होगा। इसमें 120 स्टेशन होंगे. इसके निर्माण के लिए केंद्र और राज्य का 50 -50 फीसदी शेयर होगा। इसके साथ ही 5 भाषाओं को Classical भाषा मे दर्जा दिया गया है। मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषा को क्लासिकल भाषा का दर्जा दिया गया है। तमिल, संस्कृत, तेलगु, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया को पहले से ही क्लासिकल भाषा का दर्जा प्राप्त था।