IMD Alert : दिल्ली में रविवार सुबह आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश हुई। मिंटो रोड, मोती बाग और दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल-1 की सड़कों पर पानी भरने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
इसके चलते 100 से ज्यादा फ्लाइट प्रभावित हुई हैं, इनमें 25 से ज्यादा फ्लाइट्स को डायवर्ट किया गया है। कुछ फ्लाइट देरी से रवाना हुईं और कुछ को कैंसिल कर दिया गया है।
मानसून कल देश में दस्तक दे चुका है। यह केरल में अपने तय समय से 8 दिन पहले पहुंचा है। वहीं, आज से नौतपा की भी शुरुआत हो रही है, जो 2 जून तक रहेगा। इस दौरान भीषण गर्मी होती है।
मौसम विभाग ने आज देश के 21 राज्यों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा उत्तराखंड में ओले गिरने और राजस्थान में धूल भरी आंधी-हीटवेव की चेतावनी दी है।
हिमाचल में बादल फटने का दावा
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में शनिवार को तेज बारिश हुई। लोगों ने दावा किया कि बादल फटने के कारण बाढ़ की स्थिति बनी। सतलुज नदी का जलस्तर भी बढ़ गया। इस दौरान 20 से ज्यादा वाहनों को नुकसान पहुंचा है।
मौसम विभाग ने राज्य के 12 जिलों में 27 और 28 मई को 40-50 kmph की रफ्तार से हवा, तेज बारिश और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है।
मानसून शनिवार को केरल पहुंच गया। यह अपने तय समय से 8 दिन पहले पहुंचा है। मौसम विभाग के मुताबिक 16 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब मानसून इतनी जल्दी आया है। 2009 में मानसून 9 दिन पहले पहुंचा था। वहीं, पिछले साल 30 मई को दस्तक थी।
मानसून चार दिन से देश से करीब 40-50 किलोमीटर दूर अटका था और शुक्रवार शाम आगे बढ़ा। इसके आज ही तमिलनाडु और कर्नाटक के कई इलाकों में भी पहुंचने की संभावना है। एक हफ्ते में देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों जबकि 4 जून तक मध्य और पूर्वी भारत को कवर कर सकता है।
आम तौर पर मानसून 1 जून को केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास वापस लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, मानसून की शुरुआत की तारीख और सीजन के दौरान कुल बारिश के बीच कोई संबंध नहीं है। इसके जल्दी या देर से पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों को भी उसी तरह कवर करेगा।
1972 में सबसे देरी से केरल पहुंचा था मानसून
IMD के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 150 साल में मानसून के केरल पहुंचने की तारीखें काफी अलग रही हैं। 1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल पहुंचा था।
इस साल मानसून में अल नीनो की संभावना नहीं
मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि 2025 के मानसून सीजन के दौरान अल नीनो की संभावना नहीं है। यानी इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। कम बारिश की आशंका न के बराबर है। 2023 में अल नीनो सक्रिय था, जिसके कारण मानसून सीजन में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश हुई थी।