MP Big News : मध्य प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन को नई दिशा देने के लिए भारत सरकार ने राज्य में चार परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट स्थापित करने की मंजूरी दी है।
इन प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
इन परियोजनाओं के लिए राज्य के चार प्रमुख शहरों, देवास, शिवपुरी, नीमच और सिवनी का चयन किया गया है। इन शहरों में परमाणु ऊर्जा के इन बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए जल्द ही सर्वे प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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देवास जिले के बावड़ीखेड़ा गांव को इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए चुना गया है। यहां 1200 मेगावाट क्षमता के परमाणु पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी, जिसमें दो से छह यूनिट्स होंगे।
इसके साथ ही नीमच जिले के बासी, शिवपुरी जिले के खाकरोन और सिवनी जिले के किंडराई में भी इन प्रोजेक्ट्स को स्थापित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना को न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) से मंजूरी मिल चुकी है।
परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के लिए चार मुख्य बिंदुओं पर आधारित सर्वे किया जाएगा। इसमें भूमि की स्थिरता, मिट्टी की गुणवत्ता, प्राकृतिक आपदाओं का खतरा जैसे बाढ़ और भूस्खलन की संभावना, और जल निकासी की स्थिति का आकलन किया जाएगा।
परियोजना के लिए 1200 से 2000 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे सर्वे और अन्य प्रशासनिक कार्यों में पूर्ण सहयोग करें।
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इन परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट्स से न केवल राज्य की ऊर्जा क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि चारों शहरों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। स्थानीय युवाओं को इन परियोजनाओं में तकनीकी, निर्माण और प्रबंधन से जुड़े कार्यों में शामिल किया जाएगा।
यह परियोजना प्रदेश में औद्योगिक और शहरी विकास को भी नई गति प्रदान करेगी। देवास सहित शिवपुरी, नीमच और सिवनी में इन परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट्स का निर्माण मध्य प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में एक नई क्रांति लेकर आएगा।
यह कदम न केवल प्रदूषण कम करेगा, बल्कि प्रदेश को ऊर्जा उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर भी बनाएगा। इन प्रोजेक्ट्स के जरिए राज्य की औद्योगिक क्षमता को भी बढ़ावा मिलेगा। केंद्र और राज्य सरकार की इस पहल से मध्य प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र का एक नया अध्याय शुरू होगा।
मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग की तरफ से प्रोजेक्टों को लेकर इन जिलों के कलेक्टरों को भी जानकारी दे दी गई है। ताकि कलेक्टरों के जरिए जिला प्रशासन के माध्यम से भी सर्वे में पूरा सहयोग किया जाएगा।
क्योंकि इन प्रोजेक्ट के लिए बड़ी जमीन की जरुरत होगी, यहां पर इसमें 1200 से लेकर 2000 एकड़ तक जमीन ली जाएगी। इसलिए इस प्रोजेक्ट में जिला प्रशासन का भी अहम सहयोग रहने वाला है।
बताया जा रहा है कि परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट को लेकर चार बिंदूओं पर सर्वे किया जाएगा, जिसमें सबसे पहले जमीन की स्थिति को मापा जाएगा, क्योंकि जमीन जमीन के नीचे फॉल्ट या भूकंप जैसी स्थिति में किसी तरह की दिक्कत न हो।
इसी तरह आसपास ज्यादा आबादी नहीं होनी चाहिए। डेम या रिजर्व वायर के लिए मिट्टी कैसी है, क्योंकि इसमें मिट्टी बहुत मायने रखती है। बाढ़ या भूस्खलन जैसी स्थिति नहीं होनी चाहिए। इन सभी बिंदूओं के आधार पर ही काम किया जाएगा।