Free Fire Game : पाकिस्तानी आतंकी गुटों द्वारा भारतीय युवाओं को मानसिक रूप से जिहादी बनाने की एक चौंकाने वाली साजिश का खुलासा हुआ है। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से संबंधित एक आरोपी ने यह स्वीकार किया है कि वह पाकिस्तान के हैंडलरों के संपर्क में था। वह ऑनलाइन गेम्स के जरिए आतंकवादी नेटवर्क का हिस्सा बन गया था।
एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि पाकिस्तान के आतंकी गुट इंटरनेट पर सक्रिय रहते हैं और भारतीय युवाओं को अपने जाल में फंसाने के लिए ऑनलाइन गेम्स का सहारा लेते हैं।
बम बनाने दी गई ऑनलाइन ट्रेनिंग
पाकिस्तान के हैंडलर न केवल भारतीय युवाओं को कट्टरवादी बनाने का काम कर रहे हैं, बल्कि उन्हें बम बनाने की ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, कुछ पाकिस्तान आधारित हैंडलर ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेम्स के जरिए युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाया है। एक आरोपी ने यह स्वीकार किया कि उसने पाकिस्तान से आए जिहादी प्रचारकों द्वारा बम बनाने की तकनीकी जानकारी प्राप्त की थी।
युवाओं को फंसाने में ऑनलाइन गेम्स का उपयोग
पाकिस्तानी आतंकवादियों ने ऑनलाइन गेम्स का उपयोग करने की नई रणनीति अपनाई है। युवा पीढ़ी ऑनलाइन गेम्स के प्रति काफी आकर्षित रहती है, और इसी का फायदा उठाते हुए पाकिस्तानी हैंडलर युवाओं से संपर्क करते हैं। विशेष रूप से, “फ्री फायर गेम” जैसे मोबाइल गेम्स में यह गतिविधियाँ तेजी से बढ़ी हैं।
इस गेम में खिलाड़ियों को जोड़कर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ग्रुप्स अपनी जिहादी विचारधारा को फैलाते हैं। एक आरोपी ने एटीएस को बताया कि उसे इन ऑनलाइन गेम्स के माध्यम से पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के कई ग्रुप्स से संपर्क हुआ था।
शार्ट में समझें सौहेल के आतंकी बनने की कहानी
पाकिस्तानी हैंडलर ने किया संपर्कः एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) की जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन युवाओं को ऑनलाइन गेम्स से कट्टरवादी बनाने के लिए सक्रिय हैं। विशेष रूप से “फ्री फायर” जैसे गेम्स से जाल में फंसाया जा रहा है।
भीलवाड़ा के मोहम्मद सोहेल पकड़ायाः मोहम्मद सोहेल भिश्ती, जो कि भीलवाड़ा का रहने वाला है, ने अपनी पूछताछ में बताया कि उसने पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों के आतंकवादी ग्रुपों से जुड़ने के लिए ऑनलाइन गेम्स का सहारा लिया था।
ऑनलाइन बम बनाने की ट्रेनिंगः सोहेल ने अपने मोबाइल फोन से बम बनाने की तकनीकी जानकारी प्राप्त की थी और इसे इंटरनेट पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा किया था।
युवाओं को ‘हनी ट्रैप’ में फंसाते हैंः पाकिस्तान के आतंकवादी हैंडलर, भारतीय युवाओं को पहले सोशल मीडिया पर लुभाते हैं, फिर उन्हें जिहाद और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के वीडियो भेजकर उनका ब्रेनवॉश करते हैं। इसके बाद युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाया जाता है।
एटीएस ने गंभीर आरोप लगाएः एटीएस ने सोहेल को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ विभिन्न आरोपों के तहत केस दर्ज किया। सोहेल के पास से बम बनाने के वीडियो और आतंकवादी संगठनों के लिंक मिले, जिन्हें उसने सोशल मीडिया पर प्रसारित किया था
सोहेल को आनलाइन सिखाया गया बम बनाना
पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क के संपर्क में आए मोहम्मद सोहेल भिश्ती जैसे युवाओं बरगलाया। एटीएस ने सोहेल को गिरफ्तार किया और उसे बम बनाने के वीडियो और सोशल मीडिया पर आतंकवादी सामग्री अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया। जांच के दौरान सोहेल के पास से धार्मिक उन्माद फैलाने वाले वीडियो, ग्रुप चैट्स और आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ग्रुप के लिंक मिले।
15 से 25 साल तक के युवा निशाने पर
एटीएस की जांच में यह खुलासा हुआ कि पाकिस्तान से जुडे हैंडलर व आतंकी समुह भारत व सीमावर्ती प्रांतों, जैसे राजस्थान में सक्रिय है। यह आतंकी समुह 15 से 25 साल तक के युवाओं को आनलाइन ब्रेनवाॅश करने में लगे रहते है। जो युवा इनसे जुड़ जाता है, तो उस उपयोग आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए किया जाता है। पाकिस्तान समर्थित आतंकी समुहों का नेटवर्क कई देशों तक फैला होता है।