पार्वती का अवतार हैं सलकनपुर वाली माता विजयासन देवी, विंध्याचल पर्वत पर है विराजमान, नवरात्री में पहुंचते है लाखों लोग

By Ashish Meena
October 3, 2024

Salkanpur Mata : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 70 किलोमीटर दूर सीहोर जिले के सलकनपुर में विध्यांचल पर्वत पर विजयासन माता का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पहाड़ी के ऊपर विजयासन माता अपने दिव्य रूप में विराजमान हैं। विध्यांचल पर्वत पर विराजमान होने के कारण इन्हें विंध्यवासिनी देवी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सलकनपुर वाली माता विजयासन देवी माता पार्वती का अवतार हैं। सलकनपुर का मां विजयासन धाम प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शामिल हैं।

गर्भ गृह में विजयासन माता की एक प्राकृतिक रूप से निर्मित मूर्ति है। यहां हर साल शारदीय एवं चैत्र नवरात्रि के दौरान भारी संख्या में देश-विदेश से भक्तों का आगमन होता है और यहां बड़ा मेला भी लगता है। मंदिर के गर्भ गृह में विजयासन माता की एक प्राकृतिक रूप से निर्मित मूर्ति है। यहां पर मंदिर परिसर में देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भैरव बाबा के मंदिर भी स्थित है।

Navratri Special Sehore Salkanpur mother Vijayasan Devi is an incarnation of Parvati

विजयासन देवी धाम एक हजार फीट ऊंची एक पहाड़ी पर बना हुआ है। श्रद्धालु मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ी मार्ग, वाहन मार्ग के साथ ही रोपवे का भी उपयोग करते हैं। इस पवित्र मंदिर का निर्माण कुछ बंजारों द्वारा करवाया गया था। कहा जाता है कि देवताओं की प्रार्थना पर देवी ने राक्षस रक्त बीज को समाप्त कर दिया था, तब देवी का नाम विजयासन पड़ा था। विजयासन देवी की पूजा कई लोग अपनी कुल देवी के रूप में भी करते हैं।

Navratri Special Sehore Salkanpur mother Vijayasan Devi is an incarnation of Parvati

सलकनपुर का मां विजयासन धाम प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शामिल है। इसकी स्थापना का समय स्पष्ट रूप से नहीं पता लेकिन इतना ज्ञात है कि इस मंदिर का निर्माण 1100 ईसवी के करीब गौंड राजाओं द्वारा किला गिन्नौरगढ़ निर्माण के दौरान करवाया गया था। प्रसिद्ध संत भद्रानंद स्वामी ने मां विजयासन धाम में कठोर तपस्या की। उन्होंने नल योगिनियों की स्थापना कर क्षेत्र को सिद्ध शक्तिपीठ बनाया था। लाखों भक्त इस तपस्या स्थली पर पहुंचते हैं और मन्नत मांगते हैं।

कहा जाता है कि राक्षस रक्त बीज के वध के बाद माता जिस स्थान पर बैठी थीं, उसी स्थान को विजयासन के रूप में जाना जाता है। इसी पहाड़ी पर सैकड़ों जगह पर रक्त बीज से युद्ध के अवशेष नजर आते हैं। नवरात्र में इस स्थान पर लाखों श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर चड़ावा-चड़ाने, जमाल चोटी उतारने और तुलादान कराने पहुंचते हैं। परिसर सर्व सुविधा युक्त है।

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जिला मुख्यालय सीहोर से 80 किमी दूर रेहटी तहसील में है। रेल मार्ग से भोपाल से 75 किमी की दूरी पर है। होशंगाबाद से 40 किमी की दूरी पर, इंदौर से 180 किमी और सीहोर से 80 किमी की दूरी पर बस द्वारा मां विजयासन धाम पहुंचा जा सकता है।

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