राजनीति के दिग्गज नेता का निधन, जिसने इंदिरा से कहा था- इस्तीफा दे दो, PM मोदी, राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने जताया दुख

By Ashish Meena
सितम्बर 12, 2024

Veteran Political Leader Passes Away : भारत में वामपंथ की सियासत को करीब 45 साल तक प्रभावित करने वाले सीताराम येचुरी नहीं रहे. येचुरी कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के प्रमुख थे. तेलंगाना आंदोलन के जरिए 17 साल की उम्र में राजनीति में आने वाले येचुरी को आपातकाल के दौरान पहचान मिली. कहा जाता है कि इमरजेंसी में येचुरी की मोर्चेबंदी से मजबूर होकर इंदिरा गांधी ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति पद से इस्तीफा दे दिया था.

सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. येचुरी पिछले कुछ दिनों से गंभीर हालत में थे और उन्हें रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर रखा गया था. सीपीआई (एम) ने पहले कहा था कि 72 वर्षीय नेता का दिल्ली के एम्स के ICU में एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के इन्फैक्शन का इलाज किया जा रहा था. सीताराम येचुरी को निमोनिया के इलाज के लिए 19 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत गंभीर थी और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था. सूत्रों के मुताबिक उनके फेफड़ों में फंगल संक्रमण था.

CPI(M) नेता सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया (फाइल फोटो)

सीताराम येचुरी के निधन पर राजनीति के दिग्गजों ने दुख जताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा कि सीताराम येचुरी जी के निधन से दुखी हूं. वे वामपंथ के अग्रणी नेता थे और राजनीतिक स्पेक्ट्रम में लोगों से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे. उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में भी अपनी पहचान बनाई, इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने X पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. वह आइडिया ऑफ इंडिया के प्रोटेक्टर और देश की गहरी समझ रखने वाले व्यक्ति थे. मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.

Sitaram Yechury Death : सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का निधन

वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि सीताराम येचुरी कम्युनिस्ट आंदोलन के एक अद्वितीय साहसी नेता थे. मैं सीताराम के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी और व्यथित हूं. छात्र आंदोलन से उठकर उन्होंने 9 साल तक सीपीआई(एम) के महासचिव के रूप में कठिन राजनीतिक दौर में पार्टी का नेतृत्व किया. सीताराम ने पार्टी के नेतृत्व के पदों पर अच्छी स्थिति बनाकर सीपीआई(एम) और वामपंथ के लिए और भारतीय राजनीति के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश और उनके लोग गंभीर संकटों का सामना कर रहे हैं, तब सीताराम का न होना, देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है.

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान के हक़ में उठने वाली एक मजबूत आवाज़, सांप्रदायिकता के खिलाफ सबको लामबंद करने वाले अग्रणी नेता सीताराम येचुरी जी ने दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन वो गरीबों, मजदूरों, मजलूमों की आवाज में सदैव जिंदा रहेंगे. उनका जाना भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है. कॉमरेड सीताराम येचुरी जी को सिर झुकाकर लाल सलाम.

सीताराम येचुरी की बॉडी AIIMS को की जाएगी डोनेट, निधन के बाद परिवार का फैसला  - Sitaram Yechury family doneted his donated to AIIMS for research and  teaching ntc - AajTak

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने X पर पोस्ट किया कि यह जानकर दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है. वे एक अनुभवी सांसद थे और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति है. मैं उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश की राजनीति में चर्चित नाम सीपीएम महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का इलाज के दौरान निधन हो जाने की ख़बर अति-दुखद है. वे कुशल सांसद और मिलनसार व्यक्ति थे. उनके परिवार और समस्त चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना. कुदरत उन सभी को इस दुख को सहने की शक्ति दे.

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आशीष मीणा पत्रकारिता में पाँच वर्षों का अनुभव रखते हैं। DAVV इंदौर से पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद उन्होंने अग्निबाण सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया। उन्होंने जमीनी मुद्दों से लेकर बड़े घटनाक्रमों तक कई महत्वपूर्ण खबरें कवर की हैं।