Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Elections 2024) को लेकर बीजेपी ने बुधवार को 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पहली सूची जारी होने के बाद से ही पार्टी में भगदड़ मच गई है। पहली लिस्ट जारी होने के बाद से ही रानियां, महम, थानेसर, उकलाना, पृथला, रेवाड़ी, रतिया, बाढड़ा में बगावत दिखी। रानियां से निवर्तमान विधायक रणजीत चौटाला ने समर्थकों के साथ मीटिंग की। उन्होंने टिकट कटने की स्थिति में पहले ही बगावत के संकेत दिए थे।
टिकट कटने के बाद रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा (BJP MLA Laxman Napa) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वे कांग्रेस पार्टी जाॅइन करेंगे। इसकी पुष्टि स्वयं उन्होंने सोशल मीडिया पर की है। रोहतक जिले की महम सीट से भाजपा के 2019 के कैंडिडेट शमशेर सिंह खरखड़ा, चरखी दादरी जिले से भाजपा के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले ने भी इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा सोनीपत के जिला उपाध्यक्ष संजीव वलेचा ने पार्टी को अलविदा कह दिया है।
हरियाणा बीजेपी में अब तक के बड़े इस्तीफे
- हरियाणा बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज ने बीजेपी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. कंबोज इंद्री विधानसभा से टिकट कटने से नाराज थे. उन्होंने पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगाकर सभी पदों से इस्तीफा दिया है. कंबोज ने कहा अगला फैसला मेरे समर्थक जो करेंगे उस पर रहूंगा.
- दादरी किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले ने बीजेपी से इस्तीफा दिया.
- रतिया से बीजेपी विधायक लक्ष्मण नापा ने बीजेपी को अलविदा कहा.
- सोनीपत से बीजेपी युवा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं विधानसभा चुनाव प्रभारी अमित जैन ने इस्तीफा दे दिया.
- जेजेपी से बीजेपी में शामिल हुए पूर्व मंत्री अनूप धानक को उकलाना से बीजेपी द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में वहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे बीजेपी नेता शमशेर गिल ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेजा.
- हरियाणा बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर मांडी ने बीजेपी से दिया इस्तीफा.
- हिसार से बीजेपी नेता दर्शन गिरी महाराज ने बीजेपी से इस्तीफा दिया.
- बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री सीमा गैबीपुर ने पार्टी के सभी पदों से तुरंत प्रभाव से दिया इस्तीफा.
भाजपा की लिस्ट जारी होते ही पार्टी के पुराने नेता नाराज बताए जा रहे हैं। इसमें कई पूर्व मंत्री और विधायक शामिल हैं। इसके अलावा पार्टी ने 11 दल-बदलुओं को भी मौका दिया है। ऐसे में अगर पार्टी ने बागी नेताओं को चुनाव मैदान में उतरने से नहीं रोका तो हैट्रिक की कोशिश में जुटी में पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है।