मध्य प्रदेश की सीनियर नेता और पूर्व मंत्री सविता वाजपेई का गुरुवार को निधन हो गया. बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार थी और भोपाल एक अस्पताल में भर्ती थी.
वह सीहोर से विधायक रह चुकी हैं, जबकि तीन अलग-अलग मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में उन्होंने मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी. सविता वाजपेयी के निधन की जानकारी उनके पारिवारिक सूत्रों की तरफ से दी गई है. सविता वाजपेयी प्रसिद्ध समाजसेवी भी थी.
सीएम मोहन ने जताया दुख
प्रसिद्ध समाजवादी नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री सविता वाजपेयी के निधन पर सीएम मोहन यादव ने भी दुख जताया है. सीएम ने कहा ‘सविता वाजपेयी ने सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनका योगदान मध्य प्रदेश के लिए अहम रहा है.’
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बता दें कि सविता वाजपेयी जनसंघ से जुड़ी थी और उन्होंने इमरजेंसी के दौरान 18 महीने जेल में भी बिताए थे. वह मालवा रीजन में उस दौर की कद्दावर नेता मानी जाती थी. 87 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली.
सीहोर से जीती थी चुनाव
सविता वाजपेयी भोपाल के पास सीहोर विधानसभा सीट से 1977 में विधानसभा का चुनाव जीती थी, इस जीत के बाद ही वह मध्य प्रदेश की राजनीति में चर्चा में आई थी. चुनाव जीतने के बाद उन्हें राज्य सरकार में मंत्री भी बनाया गया था. वह पहले सरकार में राज्य मंत्री और फिर बाद में कैबिनेट मंत्री बनी थी.
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सविता वाजपेई ने पहले कैलाश जोशी फिर वीरेंद्र सकलेचा और बाद में सुंदरलाल पटवा सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी, इस तरह उन्हें तीन अलग-अलग मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में मंत्री रहने का मौका मिला था. जिससे उनके राजनीतिक कद को समझा जा सकता है.
भोपाल में होगा अंतिम संस्कार
सवित वाजपेयी के परिवार की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार भोपाल के भदभदा श्मशान घाट किया जाएगा. उनके परिवार में उनकी दो बेटियां है, जिनमें बड़ी डॉ. श्रद्धा अग्रवाल हैं, जबकि छोटी बेटी का नाम निष्ठा दुबे है, जो राजधानी भोपाल में प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. सविता वाजपेयी के निधन पर कई सीनियर नेताओं ने दुख जताया है.