मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने किसानों के हित में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 26 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में धान उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया गया।
सरकार अब धान उत्पादन पर प्रत्येक हेक्टेयर पर किसानों को प्रोत्साहन राशि देगी। इसके अलावा किसानों को सोलर प्लांट लगाने की सुविधा भी मिलेगी, जिससे उनकी बिजली खपत में भी सुधार होगा।
किसानों के लिए प्रोत्साहन राशि
कैबिनेट की बैठक में धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 2 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया। यह राशि किसानों के लिए बड़ी राहत होगी, खासकर उन किसानों के लिए जो धान की खेती करते हैं और जिनका जीवन मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर करता है।
इस फैसले के बाद सरकार ने इसे धान उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन के रूप में देखा है, जो किसानों की मेहनत का उचित पारिश्रमिक देने का एक प्रयास है। इसके अलावा इस योजना से किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी और वे अपने कृषि कार्य को बेहतर तरीके से चला पाएंगे।
सोलर प्लांट और निजी निवेशकों की भागीदारी
सरकार ने Farmer के लिए सोलर प्लांट लगाने का भी फैसला किया है, जिसे उनके 11 केवी बिजली फीडर से जोड़ा जाएगा। इससे किसानों को सस्ती और सुलभ बिजली मिलेगी, साथ ही वे अपनी ऊर्जा की जरूरतें भी सौर ऊर्जा से पूरी कर सकेंगे।
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यह परियोजना निजी निवेशकों को भी आकर्षित करेगी, क्योंकि इसे भारत सरकार द्वारा 1 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस पहल से सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और मध्य प्रदेश के किसानों को टिकाऊ और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बेहतर ऊर्जा विकल्प मिलेगा।
52 जिलों में होगी ग्राम उत्कर्ष योजना
राज्य के 52 जिलों में आदिवासियों के लिए धरती आवा ग्राम उत्कर्ष योजना चलाई जाएगी। इसके तहत पंचायत भवन, आंगनबाड़ी, स्कूल भवन बनाए जाएंगे। सभी सरकारी योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत लाभार्थियों को दिलाने की व्यवस्था की जाएगी।
ऑनलाइन प्रमाण पत्र सुविधा
लोगों को सुविधा देने के लिए सरकार जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनाएगी। लोग खुद फॉर्म भर सकेंगे। वे इसका सत्यापन कर सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति गलत सत्यापन करता है तो उसे सजा मिलेगी। केन-बेतवा लिंग परियोजना से जुड़ी 16 परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।
महाकुंभ के लिए घाट विस्तार
उज्जैन में होने वाले महाकुंभ में हर दिन करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस बड़े आयोजन के लिए घाट का विस्तार करने का फैसला लिया गया है, ताकि सभी श्रद्धालु आसानी से स्नान कर सकें।
पार्वती काली सिंध चंबल नदी लिंक परियोजना
इस परियोजना से 13 जिलों को लाभ मिलेगा और 6.13 लाख हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता जुड़ेगी। इसके अलावा केन-बेतवा और पार्वती काली सिंध से जुड़ी 19 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
इंटर्नशिप पर बड़ा फैसला
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यूनानी और होम्योपैथी कॉलेजों से डॉक्टर बनने वाले युवाओं को इंटर्नशिप करनी पड़ती है। सरकार ने तय किया है कि इस इंटर्नशिप का भुगतान महंगाई के हिसाब से बढ़ाया जाएगा।