Interesting Facts: मृत्यु के बाद अर्थी बांस की ही क्यों बनाई जाती हैं? जानिए इसके पीछे का रहस्य
By Ashish Meena
December 24, 2024
Interesting Facts: इंसान के रूप में जन्म लेने और मरने के बाद कई तरह की परंपराएं होती है, जिनका पालन करना अनिवार्य माना जाता है। खास तौर पर मरने के बाद जब इंसान को हमेशा के लिए विदाई दी जाती है तो कई परंपराओं का पालन किया जाता है। क्या आपको पता है कि मरने के बाद इंसान को बांस से बनी अर्थी पर क्यों लिटाया जाता है? जानें क्या है इसके पीछे की वजह।
इंसान की मृत्यु के बाद कई तरह के नियम होते हैं। जैसे घर से बाहर लिटाया जाना, मुंह में तुलसी, गंगा जल और सोना डालना आदि होता है। हालांकि जब मृत शरीर को श्मशानघाट की तरफ ले जाया जाता है तो उसे अर्थी पर लिटाया जाता है। ये अर्थी बांस की बनी होती है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि अर्थी बांस की ही क्यों बनाई जाती है?
बांस की ही क्यों होती है अर्थी?
वंसत जी महाराज के अनुसार, सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के घरों में जब किसी की मृत्यु होती है तो सीढ़ी बांसों की बनती है। अगर बांस नहीं है तो लोग दुकान से खरीदकर लाते हैं और फिर उस पर मृत देह को लिटाते हैं। वंसत जी महाराज के अनुसार, जहां बांस होता है, वहां मृत्यु जनित आत्माएं रह सकती हैं इसीलिए बांस पर लिटाने का रिवाज है।
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि बांस हल्का होता है और पहले लगभग सभी जगह उपलब्ध हुआ करता था, इसीलिए लोगों ने अर्थी के बांस का प्रयोग शुरू किया था। धीरे-धीरे ये परंपरा बन गई और आज भी लोग इस परंपरा का पालन करते आ रहे हैं।
हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद शव को जलाने की परंपरा है। इसके बाद अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है। कई जगहों पर शव को नदी में डाल दिया जाता है। हिंदू धर्म में इंसान की मौत के बाद 13वें दिन तेरहवीं की जाती है। ऐसी मान्यता है कि तेरहवीं भोज में जो खाना लोगों को खिलाया जाता है उससे ही आत्मा को शक्ति मिलती है।
