हरदा में 21 दिसंबर को बड़ा आंदोलन करेगी करणी सेना, SC-ST समाज, भीम आर्मी, जयस समेत समाजिक संगठनों ने भी खोला मोर्चा

By Ashish Meena
दिसम्बर 15, 2025

Harda News : 21 दिसंबर को करणी सेना द्वारा हरदा में प्रस्तावित बड़े आंदोलन के विरोध में अब SC/ST समाज, भीम आर्मी, जयस (JAYS) समेत कई सामाजिक और राजनीतिक संगठन खुलकर सामने आ गए हैं। इन संगठनों ने करणी सेना के आंदोलन की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

SC/ST संगठनों का स्पष्ट कहना है कि यदि करणी सेना को जिला प्रशासन की ओर से लाठीचार्ज का सामना करना पड़ा था, तो उनकी लड़ाई सीधे प्रशासन से होनी चाहिए थी। इसके बजाय ‘सर्व समाज’ के नाम का इस्तेमाल करके आरक्षण विरोधी मांगों को उठाना और आम जनता को गुमराह करना पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने जल्द ही जवाबी आंदोलन करने की घोषणा भी की है।

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आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट पर तीखी आपत्ति
विरोध कर रहे संगठनों ने करणी सेना की 21 सूत्री मांगों में शामिल कुछ बिंदुओं पर सबसे कड़ी आपत्ति जताई है, खासकर वे बिंदु जो आरक्षण और अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एट्रोसिटी एक्ट) से जुड़े हैं।

एट्रोसिटी एक्ट: करणी सेना की यह मांग कि एट्रोसिटी एक्ट के तहत बिना जांच के तत्काल गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए, SC/ST संगठनों को मंजूर नहीं है। उनका तर्क है कि यह कानून ऐतिहासिक रूप से पीड़ित और कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था, और इसमें किसी भी तरह की ढील या बदलाव इन समुदायों के लिए घातक सिद्ध होगा।

क्रीमी लेयर हटाने की मांग: संगठनों ने क्रीमी लेयर हटाने की मांग पर भी कड़ा रुख अपनाया है। उनका तर्क है कि जब वर्तमान व्यवस्था में भी कई मामलों में दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं हो पाती है, तो ऐसी व्यवस्था हटने के बाद स्थिति और भी भयावह हो सकती है।

भीम आर्मी ने बताया सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा
भीम आर्मी के संभाग संयोजक महेंद्र काशिव मेहरा ने साफ किया कि उन्हें करणी सेना के आंदोलन से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनके आंदोलन में शामिल जो मांगें आरक्षण विरोधी हैं और SC/ST एक्ट को कमजोर करती हैं, उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने इस आंदोलन को सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बताया है।

हरदा में अब 21 दिसंबर को एक बड़े सामाजिक-राजनीतिक प्रदर्शन की आशंका है, क्योंकि एक तरफ करणी सेना अपनी मांगों को लेकर अड़ी है, वहीं दूसरी तरफ SC/ST, भीम आर्मी और जयस जैसे संगठन अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हो गए हैं।

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आशीष मीणा पत्रकारिता में पाँच वर्षों का अनुभव रखते हैं। DAVV इंदौर से पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद उन्होंने अग्निबाण सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया। उन्होंने जमीनी मुद्दों से लेकर बड़े घटनाक्रमों तक कई महत्वपूर्ण खबरें कवर की हैं।