May 18, 2024

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अब 0.3 सेकंड में होगा कैंसर का इलाज! फ्लैश रेडियोथेरेपी का ट्रायल शुरु

नई दिल्ली। कैंसर दुनिया की सबसे गंभीर और खतरनाक बीमारी मानी जाती है। आज विज्ञान के इतने आगे बढ़ने के बावजूद भी कैंसर का फुलप्रूव इलाज (Cancer Treatment) नहीं मिल सका है। अब दावा किया जा रहा है कि रेडियोथेरेपी से कैंसर को खत्म किया जा सकता है। अन्य दूसरी पद्धतियों की तुलना में रेडियोथेरेपी प्रणाली कैंसर के इलाज में कारकर मानी गई है।

रेडियोथेरेपी पद्धति है तो कारगर लेकिन इस प्रक्रिया में मरीज को जब रेडिएशन दी जाती है तो यह काफी पीड़ादायक होती है। इसका कारण यह है कि जब रेडियो तरंगें कैंसर प्रभावित जगह पर पड़ती है तो यह कैंसर कोशिकाओं के साथ-साथ स्वस्थ कोशिकाओं को भी हानि पहुंचा देती है और मार देती है। इस पूरी प्रोसेस में मरीज को काफी दर्द का सामना करना पड़ता है। करीबन 15 से 20 मिनट तक मरीज को इस दर्द का सामना करना पड़ता है।

अब बिना दर्द होगा इलाज!
अब बिना दर्द के कैंसर का इलाज करने का दावा किया जा रहा है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी के शोधकर्ताओं ने फ्लैश रेडियोथेरेपी (FLASH Radiotherapy) पद्धति से बिना कष्ट के कैंसर कोशिकाओं को मारने की तकनीकी विकसित कर ली है। दावा किया जा रहा है कि इस पद्धति में न तो कष्ट होता है और न ही स्वस्थ्य कोशिकाओं के मरने का खतरा होता है।

10 मरीजों पर ट्रायल शुरू
वैज्ञानिक जानवरों पर इसका सफल ट्रायल भी कर चुके हैं। इसके बाद अब अस्पताल में कुछ कैंसर मरीजों पर इसका परीक्षण शुरू हो चुका है। वैज्ञानिकों के अनुसार 10 मरीजों पर इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। इन मरीजों को हड्डियों में कैंसर था, जो हाथ और पैर में भी ही गया। इन रोगियों को फ्लैश रेडियोथेरेपी की एक डोज (Dose) वैज्ञानिकों ने दे दी है। मुख्य शोधकर्ता जॉन ब्रेनेमान ने कहा कि फ्लैश रेडियोथेरेपी में रेडिएशन का बड़ा डोज दिया जाता है जिसमें कैंसर ठीक होने का रिजल्ट बहुत अच्छा मिलता है। इसमें आसपास की स्वस्थ कोशिकाएं नहीं मरती और न ही कैंसर मरीजों को दर्द सहना पड़ता है।

0.3 सेकेंड में हो जाएगा उपचार
जानकारी के अनुसार वर्तमान में जो रेडियोथेरेपी कैंसर पीड़ितों को दी जाती है उसमें 15 से 20 मिनट का वक्त लगता है लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि फ्लैश रेडियोथेरेपी के डोज को सिर्फ 0.3 सेकेंड में दिया जा सकेगा।

मरीजों को दिया जाएगा 300 गुना ज्यादा डोज
फ्लैश रेडियोथेरेपी समान्य रेडियोथेरेपी का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है। इसमें परंपरागत रेडियोथेरेपी की तुलना में 300 गुना ज्यादा खुराक (Dose) मरीज को दी जाती है। यह परंपरागत रेडियोथेरेपी से ज्यादा सेफ (Safe) और कम दर्द वाली थेरेपी है। बता दें कि इस ट्रायल में कैंसर मरीजों को कुछ दिनों तक देखरेख में रखा जाएगा और इस बात का पता लगाया जाएगा कि कैंसर की कोशिकाएं कितनी मरी हैं और किस सीमा तक मरी हैं। साथ ही देखा जाएगा कि मरीज को दर्द के लिए कितनी दवा दी जानी चाहिए।

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