May 18, 2024

weather

147.01111111111 °C

RashtriyaEkta - 12-05-2024

Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आज नहीं होती तो 22 सालों तक नहीं मिलता ऐसा मुहूर्त

Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहुर्त के दौरान 84 सेकेंड में की गई. ऐसा कहा जा रहा है कि ऐसा विशेष मुहूर्त आने वाले कई सालों तक नहीं आएगा. टीवी 9 हिंदी ने इस बारे में बात की ज्योतिषाचार्य अरुणेश कुमार शर्मा से और जानने की कोशिश की आखिर इस मुहूर्त में क्या है खास?

ज्योतिषाचार्य अरुणेश कुमार ने बताया कि अगले 22 साल तिथि और योग एक जैसे न होने पर इस तरह के ग्रह गोचर नहीं बनेंगे. पंचांग के अनुसार, तिथि एवं योग सूर्य और चंद्रमा की स्थिति के मुताबिक बनते हैं. हिंदू पंचांग में कोई भी शुभ मुहूर्त पांच चीजों से बनता है- तिथि, नक्षत्र, योग, करण और राशि. रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए निर्धारित 84 सेकेंड का ये मुहूर्त आसानी से नहीं बनता जो कि कई सालों के बाद मिला था. इस प्रकार पंचांग के अनुसार ये मुहूर्त अगले 22 सालों के बाद मिलेगा.

बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर के गर्भगृह में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा पूरी की गई. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का ये कार्यक्रम वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया था. प्राण प्रतिष्ठा की विधि दोपहर 12:20 बजे से शुरू की गई. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का यह शुभ समय काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला था. यह कार्यक्रम पौष माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में संपन्न किया गया है.

बालकांड रामचरितमानस में जिस रामलला का वर्णन किया गया है, ठीक उसी तरह के रामलला गर्भगृह में सुशोभित हो रहे हैं. रामलला के चरणों में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिन्ह दिख रहे हैं. उनकी कमर में करधनी और पेट पर त्रिवली हैं. रामलला की विशाल भुजाएं आभूषणों से सुशोभित हैं. रामलला की छाती पर बाघ के नख की बहुत ही निराली छटा है. साथ ही रामलला पीतांबरी वस्त्र धारण किए नजर आ रहे हैं.

और पढ़ेंकम दिखाएँ
//

© Rashtiya Ekta! Design & Developed by CodersVision