RashtriyaEkta - 08-06-2024
Makka Variety 2024 : देश में मानसून की शुरुआत हो गई है, ज्यादातर राज्यों में इस समय अच्छी बारिश हो रही है किसानों ने भी फसल की तैयारी करली है, अपने खेतों को बोवनी के लिए तैयार कर लिया है। बारिश के समय किसान सोयाबीन की फसल की बोवनी करते हैं, लेकिन आज बाजार में मक्का की भी कई शानदार वैरायटी मौजूद है, जो अच्छी पैदावार देती है।
पिछले कुछ सालों में किसानों के बीच मक्का की खेती का क्रेज बड़ा है, ऐसे में आज हम आपके लिए मक्का की एक ऐसी किस्म से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं, जो पैदावार में काफी अच्छी है, जिसकी बोवनी से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं। वैरायटी हाइब्रिड मक्का 405 की।
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यह किसानों के लिए काफी फायदेमंद है, एक उन्नत किस्म है। बता दें कि, आप इस किस्म की मक्का को खरीफ और रबी दोनों ही मौसम में खेतों में उगा सकते हैं, लेकिन दोनों ही मौसम की पैदावार में आपको अंतर जरूर देखने को मिलेगा। मक्का की यह किस्म 110 से लेकर 120 दिन में पक के तैयार हो जाती है।
इस किस्म के पौधे की बात करें तो इसका तना मजबूत होता है, इस लिए गिरने की कोई संभावना नहीं है और इन के भुट्टे में 18 से 20 लाइन दाने की होती है। हर भुट्टा एक सामान और दाने का रंग नारंगी होता है। कई रोग और बीमारी के सामने अति सहनशील किस्म है। इस मक्का की किस्म को खास यह बनाता है की इन के भुट्टे का भंडारण लंबे समय तक कर सकते है।
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मक्का की उन्नत किस्म लक्ष्मी 405 की बोवनी की बात की जाए तो एक एकड़ जमीन में 8 किलोग्राम बीज की आवस्यकता होगी। आप मक्का को ट्रेक्टर से भी बोवनी कर सकते हैं, लेकिन यदि आप इसे नियम और बीच में बराबर गेप के साथ करते हैं तो आपको उत्पादन में अंतर देखने को मिलेगा। देखा जाए तो इन की खेती कतार में की जाती है और कतार से कतार के बिच की दुरी 55 से लेकर 60 सैमी तक की रखनी है।
इतना ही नहीं खेत में बोवनी के समय बीज की दूरी 25 से लेकर 30 सैमी की राखी जाती है। इन के बीज को 4 से लेकर 5 सैमी की गहराई पर बोई जाते है। मक्का की खेती बलुई दोमट मिट्टी में सब से अच्छी विकास करती है और उत्पादन भी अधिक होता है। इन की जल धारण शक्ति अच्छी होती है इस लिए मक्का की खेती बलुई दोमट मिट्टी में सब से अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।
आप मक्का की अच्छी पैदावार के लिए अपने खेत में एक एकड़ के हिसाब से अच्छे से सड़ी गोबर की खाद और वर्मीकम्पोष्ट 4 से 5 टन डाले और मिट्टी में अच्छे से मिला दे। इस तरह से मक्का की पैदावार में आपको ज्यादा मिलेगी। इसके अलावा खाद के उपयोग की बात करें तो किसान NPK (एनपीके) 0:24:20 कोलोग्राम और 20 किलोग्राम जिंक सल्फेट इन में नाट्रोजन 3 भाग में देना है एक बुवाई के समय दूसरा फसल 30 दिन की हो जाने बाद और तीसरा फसल बीज बुवाई के बाद जब 50 दिन की हो जाए तब देना है।
किसान मिट्टी के अनुसार खाद का उपयोग कर सकते हैं, यदि मिट्टी का परीक्षण करवाया है, तो कितनी जरूरत मिट्टी को खाद की यह जानकारी मिल जाती है, जिसके अनुसार भी खाद दे सकते हैं। बात की जाए पैदावार की तो किसानों को उन्नत किस्म लक्ष्मी 405 खरीफ मौसम में एक एकड़ जमीन से 25 से 30 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है, लेकिन रबी मौसम में इन की फसल से 40 से 50 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है, जो किसान मक्का की बोवनी करते हैं उनके लिए यह किस्म बंपर पैदावार दे सकती है, जिससे अच्छा मुनाफा किसानों को होगा।
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