May 18, 2024

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RashtriyaEkta - 12-05-2024

कल है महाशिवरात्रि, इस शुभ मुहूर्त में करें शिवजी की पूजा, संवर जाएगा जीवन, उज्जैन में लगा श्रद्धालुओं का तांता

Ujjain Mahakal : फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को हर साल महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। शिवरात्रि दिव्य और चमत्कारी शिव कृपा का महापर्व। कहते हैं कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान होता है। इस दिन महादेव की कृपा जिस पर हो जाए, उसका जीवन खुशियों से भर जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार शुक्रवार, 8 मार्च को मनाया जाएगा। 

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर मध्यप्रदेश के उज्जैन में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। भगवान महाकाल के दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी हुई हैं। श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर रहे हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं, रात भर जागरण करते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।

उज्जैन में महाशिवरात्रि का त्योहार विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहाँ भगवान महाकाल का ज्योतिर्लिंग स्थित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उज्जैन में प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की है। पानी, भोजन और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिए भी पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।

इस बार की महाशिवरात्रि पर ग्रह पांच राशियों में होंगे। चंद्र और मंगल एक साथ मकर राशि में होंगे। यह संयोग लक्ष्मी नामक योग बना रहा है। इसलिए इस बार शिवरात्रि पर धन संबंधी बाधाएं दूर की जा सकती हैं। चंद्र और गुरु का प्रबल होना भी शुभ स्थितियां बना रहा है। इस बार की शिवरात्रि पर रोजगार की मुश्किलें भी दूर की जा सकती हैं। 

हिन्दू परंपरा के अनुसार, इस दिन शिवजी का प्राकट्य हुआ था। शिवजी का विवाह भी इस दिन माना जाता है। इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है। शिवरात्रि की प्रत्येक पहर परम शुभ होती है। महाशिवरात्रि पर महादेव और मां पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना से भक्तों को मनचाहा वरदान मिलता है। ये पूजा चार प्रहर में की जाती है। 

पूजा का शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2024 Shubh muhurt)
प्रथम प्रहर की पूजा समय- 8 मार्च शाम 06.25 बजे से रात्रि 09.28 बजे तक
दूसरे प्रहर की पूजा का समय- रात 09.28 बजे से 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 बजे तक
तीसरे प्रहर की पूजा का समय- 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 बजे से सुबह 03.34 बजे तक
चतुर्थ प्रहर की पूजा का समय- 9 मार्च को सुबह 03.34 बजे से सुबह 06.37 बजे तक

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