राष्ट्रीय एकता, अलवर।
राजस्थान के अलवर के ईएसआईसी अस्पताल में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां भर्ती एक मरीज की मौत के बाद जब उसके परिजन शव लेने पहुंचे तो पता चला कि मृतक के नाम से इलाज कराया जा रहा व्यक्ति कोई और था।
यह खुलासा होने पर अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया और पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। टीबी से पीड़ित भैरू सिंह नामक एक व्यक्ति को 30 नवंबर को ईएसआईसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
13 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जब उसके परिजन शव लेने आए तो उन्होंने मृतक के नाम से श्याम सुंदर नामक एक अन्य व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की मांग की। इस पर अस्पताल प्रशासन ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि भैरू सिंह के नाम से भर्ती व्यक्ति वास्तव में श्याम सुंदर था।
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पुलिस ने किया मामला दर्ज
इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही, अस्पताल प्रशासन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है।
क्यों हुई इतनी बड़ी लापरवाही?
यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि आखिर कैसे एक मरीज के नाम पर दूसरे व्यक्ति का इलाज किया गया और उसकी मौत के बाद भी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया। जांच में यह भी सामने आया है कि मृतक श्याम सुंदर ने गलत दस्तावेजों के आधार पर भर्ती कराया था।
क्या कहते हैं अस्पताल प्रशासन?
ईएसआईसी अस्पताल के अधिकारियों ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गलत दस्तावेजों से अस्पताल में भर्ती हुआ था मृतक
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डीन असीम दास ने बताया कि ईएसआईसी का लाभ लेने के लिए मृतक गलत दस्तावेजों के आधार पर भर्ती हुआ था।
बाद में स्थिति बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र दूसरे व्यक्ति के नाम पर बनवाने की बात कहने पर मामले का पता चला। परिजनों का कहना था कि मृतक खुद ही अपने भाई के दस्तावेजों से भर्ती हुआ था।