Tirupati Balaji Temple : हजारों लोग रोजाना तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन करने जाते हैं। वहां से लौटते हुए उन्हें प्रसाद के रूप में लड्डू दिया जाता है। इस लड्डू को आशीर्वाद समझकर खाया जाता है। गुरुवार को आंध्र प्रदेश की मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति के लड्डू के अंदर जानवरों की चर्बी होने की बात कही। इस दावे के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की रिपोर्ट भी दिखाई गई।
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका वकील सत्यम सिंह की ओर से दायर की है। उन्होंने अदालत से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रसाद में मिलावट हिंदू धार्मिक रीति रिवाजों का उल्लंघन करता है और अनगिनत भक्तों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचाता है जो कि प्रसादम को एक पवित्र आशीर्वाद मानते हैं।
याचिका में तर्क दिया गया है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है जो कि धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने के अधिकार सहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की गांरटी देता है। इसके अलावा याचिका में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का भी हवाला दिया गया है जो कि जरूरी धार्मिक प्रथाओं की रक्षा के महत्व पर जोर देते हैं। याचिका में इस मुद्दे को संवेदनशील बताते मंदिर प्रशासन की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं।
तिरुपति लड्डू की रेसिपी में एनिमल फैट? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रसाद के लड्डू बनाने के लिए 400-500 किलो देसी घी, 750 किलो काजू, 500 किलो किशमिश, 200 किलो इलायची और साथ में बेसन, चीनी आदि इस्तेमाल किए जाते हैं। रिपोर्ट दावा करती है कि इस रेसिपी में जो देसी घी इस्तेमाल किया जा रहा था, उसमें 3 जानवरों की चर्बी की मिलावट थी।
राज्य सरकार द्वारा लैब की रिपोर्ट शेयर की गई है। जिसमें लड्डू में इस्तेमाल होने वाली घी के अंदर कई सारे वेजिटेबल फैट और एनिमल फैट होने का दावा किया गया है। इसमें सोयाबीन, सनफ्लोवर, ऑलिव, रेपसीड, लिसीड, व्हीट जर्म, मेज जर्म, कॉटन सीड, कोकोनट, पाम कर्नल, पाम ऑयल के फैट के साथ बीफ टैलो, लार्ड और फिश ऑयल एनिमल फैट पाया गया है। लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर इस घी के अंदर कौन-कौन से जानवर की चर्बी मिलाई गई थी। रिपोर्ट में बीफ टैलो, लार्ड और फिश ऑयल का जिक्र किया गया है, जिसका अर्थ निम्नलिखित है।
बीफ टैलो- यह सामान्य तापमान पर एक सफेद रंग की चर्बी होती है, जिसे जुगाली करने वाले जानवरों के अंगों के आसपास से निकाला जाता है। जैसे- भैंस, भेड़, बकरी, गाय और हिरण
लार्ड- यह पदार्थ सुअर की चर्बी से बनता है। यह मुलायम ठोस या आधा ठोस हो सकता है।
फिश ऑयल- फिश ऑयल को मछलियों से निकाला जाता है। इसके अंदर मछली में मौजूद फैट होता है, जो कई सारी बीमारियों के इलाज में मदद करता है।
विदेशों में एनिमल फैट का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है। लोग इन्हें चाव से खाते हैं। मगर यह ट्रांस जैसे गंदे फैट का भरपूर सोर्स होते हैं। इन्हें खाने से नसें ब्लॉक हो सकती हैं और हार्ट अटैक, स्ट्रोक, मोटापा और कैंसर का खतरा हो सकता है। देसी घी महंगा होता है, इसका मुनाफा बढ़ाने के लिए कई सारी चीजों की मिलावट की जाती है। रिसर्चगेट पर FSSAI के हवाले से बताया गया है कि एनिमल फैट की मिलावट काफी दुर्लभ है, लेकिन इसमें पोटैटो स्टार्च, कोल टार डाई, वनस्पति तेल और वेजिटेबल ऑयल की मिलावट सबसे आम है।
तिरुपति मंदिर के प्रसादम लड्डू में मिलावट के दावे पर अब आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला ने केंद्रीय गृह मंत्री को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने प्रसादम में मिलावट की तत्काल सीबीआई जांच के आदेश देने का अनुरोध किया है।
मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के प्रसाद पर भी सवाल खड़े हो गए। अब FSSAI से शुद्धता का 5 STAR रैंकिंग का प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुकी महाकाल की लड्डू यूनिट की जांच की मांग उठ रही है। तसल्ली के लिए जांच करवाने की मांग मंदिर के पुजारी व श्रद्धालुओं ने की है। पुजारी व श्रद्धालुओं का कहना है कि मन दुखी और व्यथित है। लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। एमपी के उज्जैन में बाबा महाकालेश्वर के धाम में भी हर रोज लड्डू प्रसादी बड़ी मात्रा में भक्तों को दिया जाता है। हालांकि FSSAI की ओर से महाकालेश्वर मंदिर की लड्डू प्रसादी यूनिट को फाइव स्टार रैंकिंग के साथ शुद्धता का प्रमाण पत्र मिला हुआ है।