JanSeva Mitra Yojana: मध्यप्रदेश के हजारों युवा बेरोजगार हो गए है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री जनसेवा मित्र योजना को बड़े जोश के साथ शुरू किया था। इसका मकसद था कि प्रदेश के हर विकासखंड में शिक्षित युवाओं को “जनसेवा मित्र” के रूप में नियुक्त किया जाए, जो सरकारी योजनाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाने में मदद करें।
योजना के तहत इन युवाओं को सरकारी विभागों में अस्थायी तौर पर काम करने का मौका दिया गया था, और उन्हें प्रतिमाह 8,000 रुपये देने का वादा किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज के कार्यकाल में शुरू की गई जन सेवा मित्रों की नियुक्ति पर मोहन सरकार ने अब ब्रेक लगा दिया है।
चयनित किए जन सेवा मित्रों की इंटर्नशिप वाली स्कीम अब बंद कर दी गई है। वहीं नए चयन पर भी रोक लगा दी गई है। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने मुख्यमंत्री जन सेवकों को दोबारा नियुक्ति देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि इसके तहत अभी तक प्रदेश में प्रशासन और जनता के बीच सेतु का काम करने 9390 जन सेवा मित्र नियुक्त किए गए थे।
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट के जरिए इस योजना को “सरकार का बड़ा धोखा” करार दिया और युवाओं के साथ हुए कथित अन्याय को उजागर किया। उनका यह बयान न सिर्फ सत्तारूढ़ भाजपा के लिए चुनौती बन गया है, बल्कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है।
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उमंग सिंघार ने एक्स पर लिखा, “मुख्यमंत्री जनसेवा मित्र योजना भी सरकार का बड़ा धोखा! भाजपा सरकार ने अपनी योजनाओं को हर गांव और हर घर तक पहुंचाने के लिए पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री जनसेवा मित्र योजना शुरू की थी। सरकार की कोशिश थी कि ‘जन सेवा मित्र’ सरकारी विभागों में काम करके विकास योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाएं। जिन शिक्षित युवाओं को सेवा में रखा गया, उन्हें 8000 महीना दिए जाने की घोषणा की गई। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ और सरकार ने हाथ खड़े कर दिए! लेकिन, मुझे इन युवकों का दर्द पता है, और मैं इनका हक दिलाने के लिए सबकुछ करूंगा। कांग्रेस युवाओं के साथ है!” इस ट्वीट ने न केवल भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए, बल्कि युवाओं के बीच सरकार के प्रति नाराजगी को भी हवा दी।
वादों से मुकरने का आरोप
सिंघार का दावा है कि योजना शुरू तो हुई, लेकिन इसे लागू करने में सरकार ने पूरी तरह नाकामी दिखाई। उन्होंने कहा कि जिन युवाओं को नौकरी दी गई थी, उन्हें न तो नियमित वेतन मिला और न ही उनके भविष्य के लिए कोई ठोस कदम उठाया गया। दिसंबर 2023 में शिवराज सिंह चौहान के बाद डॉ मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस योजना पर और ग्रहण लग गया।
सूत्रों के मुताबिक, नई सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जिसके चलते हजारों युवा बेरोजगार हो गए। उमंग सिंघार ने अपने ट्वीट में इस बात का जिक्र करते हुए कहा, “सरकार ने हाथ खड़े कर दिए।” उनके इस बयान ने सत्तारूढ़ दल पर दबाव बढ़ा दिया है।
सड़कों पर युवाओं का गुस्सा
योजना के बंद होने के बाद जनसेवा मित्रों ने कई बार प्रदर्शन भी किए। भोपाल और अन्य जिलों में इन युवाओं ने हड़ताल कर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमें 8,000 रुपये महीने का वादा किया गया था, लेकिन कई महीनों तक पैसे नहीं मिले। नई सरकार ने हमारी सेवाएँ खत्म कर दीं, बिना कोई वैकल्पिक रोजगार दिए।” इन युवाओं का कहना है कि नेतृत्व परिवर्तन के बाद उनकी आवाज दबा दी गई। उमंग सिंघार ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “मुझे इन युवकों का दर्द पता है। वे अपने हक के लिए लड़ रहे हैं, और कांग्रेस उनके साथ खड़ी है।”
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कांग्रेस का वादा: “हक दिलाएंगे”
उमंग सिंघार ने अपने ट्वीट में यह भी वादा किया कि वह इन युवाओं का हक दिलाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, “उमंग जी युवाओं की आवाज बनकर उभरे हैं। यह योजना भाजपा की नाकामी का सबूत है, और हम इसे जनता के सामने लाएंगे।”