Petrol Pump : छत्तीसगढ़ सरकार ने पेट्रोल पंप खोलने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब प्रदेश में पेट्रोल पंप खोलने के लिए लाइसेंस की जरूरत खत्म कर दी गई है. यह फैसला व्यवसायियों को राहत देने और राज्य में ईंधन की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है.
क्या बदला और क्यों?
पहले, पेट्रोल पंप खोलने के लिए व्यवसायियों को कलेक्टर के माध्यम से खाद्य विभाग से क्रय विक्रय का लाइसेंस लेना होता था. इस लाइसेंस का नवीनीकरण हर साल या तीन साल में कराना पड़ता था. राज्य और केंद्र दोनों स्तरों से अनुमति लेने की इस दोहरी प्रक्रिया में समय और पैसा दोनों अधिक खर्च होते थे, साथ ही कागजी कार्रवाई भी बढ़ जाती थी.
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अब, सरकार ने राज्य स्तरीय लाइसेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. व्यवसायियों को केवल केंद्रीय पेट्रोलियम अधिनियम के नियमों का पालन करना होगा. इससे पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया तेज और सस्ती हो जाएगी.
व्यवसायियों को फायदा
इस बदलाव से व्यवसायियों को कम कागजी कार्रवाई करनी होगी और एक ही स्तर की अनुमति से पेट्रोल पंप जल्दी शुरू हो सकेंगे. नए व्यवसायी, खासकर छोटे उद्यमी और तेल कंपनियां, बिना ज्यादा परेशानी के अपना काम शुरू कर सकेंगे. यह सुधार ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में पेट्रोल पंप खोलने को बढ़ावा देगा, जहां अभी ईंधन की पहुंच कम है.
राज्य और जनता को लाभ
इस बदलाव से छत्तीसगढ़ में ईंधन की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे लोगों को पेट्रोल-डीजल आसानी से मिल सकेगा. खासकर उन इलाकों में, जहां अभी पेट्रोल पंप कम हैं, वहां सुविधा बेहतर होगी. साथ ही, नए पेट्रोल पंप खुलने से राज्य में निवेश बढ़ेगा और बुनियादी ढांचे का विकास होगा. यह सरकार के उस लक्ष्य को भी पूरा करता है, जिसमें व्यवसाय करने में आसानी और आर्थिक विकास पर जोर दिया गया है.