Fertilizer Prices Increase : नए साल की शुरुआत किसानों के लिए कुछ बदलाव लेकर आने वाली है। 1 जनवरी 2025 से डीएपी (DAP) और अन्य उर्वरकों के दामों में बढ़ोतरी होने जा रही है।
केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कच्चे माल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के कारण उर्वरक के भाव बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस फैसले का सीधा असर किसानों की जेब पर पड़ेगा।
DAP और अन्य खाद की कीमतें कितनी बढ़ेंगी?
डीएपी की कीमत में करीब 240 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी की गई है। मौजूदा कीमत ₹1350 प्रति बोरी से बढ़कर ₹1590 प्रति बोरी हो जाएगी। इसके अलावा, अन्य खादों में भी बदलाव किए गए हैं।
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DAP की कीमत क्यों बढ़ाई गई?
सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की कीमतें बढ़ रही हैं। इसके चलते डीएपी और अन्य उर्वरकों के दामों में यह वृद्धि की गई है।
4 साल बाद बढ़े हैं दाम
इससे पहले उर्वरक के दामों में आखिरी बार 4 साल पहले बदलाव किया गया था। हालांकि, सब्सिडी की राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
यूरिया पर बंपर सब्सिडी जारी रहेगी
किसानों के लिए राहत की बात यह है कि सरकार यूरिया पर सब्सिडी देना जारी रखेगी। 45 किलो की यूरिया की बोरी, जिसकी असल कीमत ₹2236.37 है, किसानों को केवल ₹266.50 में मिलेगी।
सोचिए अगर सरकार यह सब्सिडी न दे, तो किसानों को यूरिया की एक बोरी 739% अधिक कीमत पर खरीदनी पड़ेगी। इससे किसानों की लागत काफी बढ़ जाएगी
फर्टिलाइजर कंपनियों को होगा फायदा
डीएपी के दाम बढ़ने की खबर से शेयर बाजार में फर्टिलाइजर कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई।
NFL के शेयर: 5% तक उछाल
RCF के शेयर: 4% से ज्यादा तेजी
इसके अलावा, FACT, GSFC, और Chambal Fertilizer जैसी कंपनियों के शेयर भी बढ़े हैं।
किसानों पर क्या पड़ेगा असर?
बढ़ी हुई कीमतों से किसानों की लागत जरूर बढ़ेगी। खासतौर पर डीएपी और एनपीके जैसे उर्वरकों की बढ़ी दरें छोटे किसानों के लिए चुनौती बन सकती हैं। हालांकि, सरकार ने भरोसा दिलाया है कि सब्सिडी जारी रहेगी।
नए साल में इन खादों की कीमत बढ़ेगी
डीएपी: ₹1350 से बढ़कर ₹1590
टीएसपी (46%): ₹1300 से बढ़कर ₹1350
एनपीके (10-26-26): ₹1470 से बढ़कर ₹1725
नपीके (12-32-16): ₹1470 से बढ़कर ₹1725
नए साल से उर्वरकों की कीमतों में यह बढ़ोतरी किसानों के लिए एक नई चुनौती होगी। हालांकि, सरकार सब्सिडी जारी रखकर किसानों का बोझ कम करने की कोशिश कर रही है।
ऐसे में आपको सलाह है कि पहले से ही उर्वरकों का स्टॉक तैयार रखें और अपनी फसल की योजना के अनुसार खरीदारी करें।