MP Breaking News : भाजपा ने मध्य प्रदेश के 60 संगठनात्मक जिलों में कई जिलों के जिलाध्यक्षों के नाम घोषित कर दिए हैं। भोपाल शहर से रविंद्र यति, ग्रामीण से तीरथ सिंह मीणा, जबलपुर से राजकुमार पटेल, नीमच से वंदना खंडेवाल, अशोक नगर से आलोक तिवारी, देवास से रायसिंह सेंधव के नाम की घोषणा की गई है।
जिलाध्यक्षों की सूची
भोपाल नगर – रविन्द्र यती
भोपाल ग्रामीण – तीरथ सिंह मीणा
नीमच – वंदना खंडेलवाल
देवास – राय सिंह सेंधव
अशोक नगर – आलोक तिवारी
खंडवा – राजपाल सिंह तोमर
श्योपुर – शशांक भूषण
मैहर – कमलेश सुहाने
बुरहानपुर – मनोज माने
शिवपुरी – जसमंत जाटव
पन्ना – बृजेन्द्र मिश्रा
रतलाम – प्रदीप उपाध्याय
उज्जैन ग्रामीण – राजेश धाकड़
छतरपुर – चंद्रभान सिंह गौतम
जबलपुर ग्रामीण – राजकुमार पटेल
मऊगंज – डॉ. राजेन्द्र मिश्रा
हरदा – राजेश वर्मा
गुना – धर्मेंद्र सिकरवार
इससे पहले रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र के विदिशा जिले और मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन का जिला अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है।
उज्जैन नगर जिला अध्यक्ष संजय अग्रवाल को बनाया गया है, वे मुख्यमंत्री यादव के करीबी माने जाते हैं। इसी तरह विदिशा का जिला अध्यक्ष महाराज सिंह दांगी को बनाया गया है। संगठन चुनाव के तहत रविवार को दो जिला अध्यक्षों की घोषणा कर शेष जिलाें को होल्ड पर रखा गया है।
अन्य जिलाध्यक्षों का नाम अटका
पार्टी अब राजनीतिक समीकरणों के तहत प्राथमिकता के आधार पर जिला अध्यक्षाें की घोषणा करेगी। जिला अध्यक्ष को लेकर दो जनवरी से कवायद की जा रही थी। पार्टी पदाधिकारियों का दावा था कि पांच जनवरी तक जिला अध्यक्ष घोषित कर दिए जाएंगे।
सूची पर पुर्नविचार
मुख्यमंत्री डा यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने मुख्यमंत्री आवास पर इसको लेकर बैठक भी की, लेकिन फिर केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद सूची पर पुर्नविचार किया गया।
अंतत: 10 दिन बाद रविवार को केवल दो जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई। इनमें उन जिलों को होल्ड पर रखा गया है जिन पर दिग्गज नेताओं का दबाव अधिक है।
सिंधिया, विजयवर्गीय, प्रह्लाद और उदय प्रताप के जिलों पर फंसा पेंच
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राव उदय प्रताप सिंह और प्रह्लाद सिंह पटेल के जिलों में जिला अध्यक्ष को लेकर अब भी पेंच फंसा हुआ था।
केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद भी रविवार को सूची में केवल दो जिला अध्यक्ष ही घोषित हो पाए थे। शेष जिलों को लेकर सहमति न बनाना या और कोई अन्य कारण से अध्यक्षों की घोषणा पर विराम लगा हुआ था।