नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले बागी नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने 40 नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित कर दिया है। ये सभी नेता 37 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे थे। पार्टी ने यह एक्शन तब लिया है, जब महायुति ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है।
बीजेपी में बागी कई सीटों पर पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। टिकट न मिलने से नाराज हुए बागी नेताओं में 2 पूर्व सांसद भी हैं। हीना गावित नंदुरबार से और एटी पाटिल जलगांव से पार्टी के लिए मुसीबत बने हुए हैं। हीना गावित दो बार 2014 और 2019 में नंदुरबार से सांसद रह चुकी हैं। वे 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गोवाल पाडवी से हार गई थीं। ऐसे में अब वह विधायक बनना चाहती थीं। लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद वह नाराज हो गईं और निर्दलीय प्रत्याशी बनकर दावा ठोक दिया।
एटी पाटिल भी जलगांव विधानसभा सीट से पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। एटी पाटिल लोकसभा हारने के बाद विधानसभा में भी पार्टी से टिकट की आस में थे, लेकिन पार्टी ने किसी ओर को उम्मीदवार बना दिया। बता दें कि प्रदेश में अब तक 30 सीटों पर बीजेपी के बागी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
बीजेपी के कई बड़े नाम इस बार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने कई बागियों को आखिरी समय में मना लिया था। इनमें बीजेपी के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी का नाम सबसे बड़ा है। गोपाल शेट्टी ने बोरीवली सीट से निर्दलीय पर्चा दाखिल किया था लेकिन बाद में नाम वापस ले लिया। इसके अलावा सांगली से बीजेपी के शिवाजी डोंगरे ने भी पर्चा वापस ले लिया था।
इन दो के अलावा गढ़चिरौली से बागी देवराव होली और गुहागर से संतोष जैतापकर भी आखिरी समय में पर्चा वापस लेने के लिए पहुंच गए थे। हालांकि इस सबके के बावजूद बागी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। ऐसे में अब देखना यह है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद भी पार्टी के ये बागी नेता अपने विधानसभा क्षेत्र में क्या गुल खिलाते हैं? उधर एमवीए में उद्धव ठाकरे के लिए बागी बड़ी चुनौती बने हुए हैं।