HMPV Virus : कोरोना जैसे HMPV वायरस के केस भारत में बढ़कर 8 हो गए हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में 2 केस सामने आए। यहां एक 13 साल की लड़की और एक 7 साल का लड़का संक्रमित मिला है। दोनों ही बच्चों को लगातार सर्दी-बुखार था। इसके बाद प्राइवेट लैब की जांच में दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
नागपुर में भी 2 संदिग्ध मरीज मिलने के बाद महाराष्ट्र सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। एचएमपी वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ने स्वास्थ्य विभाग की आपात बैठक बुलाई है।
इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव भी शामिल होंगे। आज मुंबई के सेंट जॉर्ज अस्पताल स्थित आरोग्य भवन में इस बैठक का आयोजन होगा।
नागपुर में भी एचएमपी वायरस के 2 मरीज मिले
नागपुर में भी एचएमपी वायरस के 2 मरीज मिले हैं। दो बच्चों की रिपोर्ट एचएमपी पॉजिटिव आई है। 3 जनवरी को निजी अस्पताल में सात साल के बच्चे और 14 साल की बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन दोनों बच्चों को खांसी और बुखार था।
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डॉक्टर का क्या कहना है?
महाराष्ट्र कोविड टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने कहा कि HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस) से पैनिक होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। यह कोई नया वायरस नहीं है। यह कोविड से भी पुराना वायरस है। बता दें कि डॉक्टर राहुल पंडित सांस की बीमारी से संबंधित सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त टास्क फोर्स के मेंबर हैं। वह मुंबई में एचएन रिलायंस हॉस्पिटल आईसीयू यूनिट के प्रमुख भी हैं।
उन्होंने कहा कि 2001 में इसके केसेस नीदरलैंड में पाये गए थे । हर वायरस में म्यूटेशन होता है पर यह घटक नहीं है। यह सामान्य फ़्लू निमोनिया जैसा है। इससे अधिक केसेस दूसरी वायरल बीमारी के हमारे पास आते हैं। इसके लक्षण सर्दी खांसी जैसे हैं लेकिन इसमें मृत्युदर बेहद कम है, जो कैंसर, हाई शुगर और अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं, उन्हीं को थोड़ा ज्यादा ख्याल रखना होता है। संक्रमण के बाद मरीज सात दिनों में एकदम ठीक हो जाता है।
डॉक्टर ने कहा कि अभी बच्चों में ये इसलिए ज्यादा पाया जा रहा है क्योंकि उनके शरीर में एंटीबॉडीज तैयार हो रही हैं। जो बड़े उम्र के लोग हैं, उनको यह होकर ही गया होगा लेकिन उनके शरीर में पहले से एंटी बॉडीज तैयार हैं। लोग पैनिक ना हों, दो तीन दिन में सर्दी, खांसी, बुख़ार ठीक नहीं होता तो डॉक्टर की सलाह लें। खुद से टेस्ट ना कराएं। इसमें हॉस्पिटल में दाखिल होने की ज्यादा जरूरत नहीं है।
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उन्होंने कहा कि जिस तरह कोविड में गाइडलाइंस को फॉलो करते थे, उसी तरह इसमें भी सर्दी, खांसी में रुमाल का इस्तेमाल करें और हाथ धोएं। ICMR की जो गाइडलाइंस हैं, उन्हीं पर अमल करें, सोशल मीडिया की बातों पर ध्यान ना दें। यह एक सामान्य वायरस है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है।
गुजरात का बच्चा पहले से बीमार, कर्नाटक में रूटीन जांच में वायरस मिला अहमदाबाद में 2 महीने के बच्चे को तबीयत खराब होने पर 15 दिन पहले हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। उस बच्चे को सर्दी और तेज बुखार था। शुरुआत में 5 दिन तक उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। इसके बाद हुई जांचों में वायरस के संक्रमण का पता चला।
कर्नाटक के दोनों केस के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बच्चे रुटीन जांच के लिए अस्पताल पहुंचे थे। टेस्ट कराने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया कि बच्चों के सैंपल निजी अस्पताल में जांचे गए और उन्होंने सरकारी लैब में जांच नहीं कराई।
वायरस के लक्षण कोविड जैसे, छोटे बच्चों पर सबसे ज्यादा असर HMPV वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
कोविड Rx एक्सचेंज के फाउंडर बोले- HMPV साधारण संक्रमण जैसा अमेरिकी राज्य टेक्सास के डालस में CovidRxExchange के फाउंडर और चीफ एक्जीक्यूटिव डॉ. शशांक हेडा ने भास्कर को बताया कि मीडिया इस वायरस को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर चिंता की स्थिति दिखा रहा है। जबकि, आंकड़े बताते हैं कि अचानक से अस्पतालों में लोगों के बढ़ने का कारण सिर्फ HMPV नहीं है, बल्कि कई अन्य वायरल संक्रमण हैं।
HMPV जैसे वायरस आमतौर पर इस मौसम में अस्थायी रूप से फैलते हैं। कुछ समय बाद इनके मामलों में स्वाभाविक तौर पर गिरावट आ जाती है। इसलिए अस्पताल में ज्यादा लोगों के भर्ती होने का यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि स्वास्थ्य सेवाएं फेल हो गई हैं। मौजूदा स्थिति पर निगरानी और संक्रमित लोगों को जरूरी मेडिकल अटेंशन देना जरूरी है। लेकिन, इस वायरस से कोरोना के डेल्टा वेरिएंट जैसी महामारी के संकट की संभावना कम है।
वायरस से जुड़े अपडेट्स
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, दो बच्चों में वायरस की पुष्टि हुई है। ये देखकर मैंने तुरंत कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव से बात की। सरकार इस वायरस को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, यह कोई वायरस नहीं है। HMPV एक फ्लू वायरस है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हम अपने पैनल के साथ बैठक कर रहे हैं। इस पर भारत सरकार और ICMR से चर्चा करेंगे। पश्चिम बंगाल HMPV का एक केस मिलने के बीच सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में अब तक कोई भी मामला नहीं मिला है।