Indore-Budhni Rail Project : इंदौर-बुधनी रेल परियोजना का काम अब तेज होने की उम्मीद है। हाल ही में इसके टेंडर जारी हुए है। पांच साल पहले इस परियोजना को मंजूरी मिली थी, लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों का पुरजोर विरोध रहा। इस कारण काम गति नहीं पकड़ पाया। वर्ष 2024 तक काम पूरा हो जाना था, लेकिन अब जाकर निर्माण ने गति पकड़ी है।
बजट में मध्य प्रदेश के रेल प्रोजेक्टो में सबसे ज्यादा राशि 1100 करोड़ रुपये इस परियोजना को मिले है। परियोजना के लिए अभी भी जमीन अधिगृहण का काम पूरा नहीं हो पाया है। देरी के कारण लागत भी बढ़ी है। इस परियोजना के बनने से जबलपुर और इंदौर के बीच की दूरी 150 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
दोनों शहरों के बीच सफर करने में महज 5 से 6 घंटे का समय लगेगा। यह काम पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के द्वारा किया जाएगा जिसका सर्वे भी पूरा हो चुका है। इस प्रोजेक्ट के तहत दस से ज्यादा बड़े औ चालीस से ज्यादा छोटे पुल-पुलिया बनाए जाएंगे। कुछ नए स्टेशन भी बनेंगे। जिसके लिए ज्यादा जमीन आ रही है।जबलपुर से गाडरवारा, बुधनी होते हुए इंदौर तक नई रेल लाइन बिछाई जानी है। इसके लिए 342 किलोमीटर लंबे ट्रेक तैयार होंगे।
प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए रेलवे किसानों से जमीन भी अधिग्रहण कर रहा है। पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ हर्ष श्रीवास्तव का कहना है कि रेल लाइन पर भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है लेकिन भूमि के बदले नौकरी की कोई भी योजना नहीं है। किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इस रेल लाइन के बन जाने से जबलपुर से गाडरवारा होते हुए बुधनी से इंदौर का सफर किया जा सकेगा।