राष्ट्रीय एकता, खातेगांव।
मानसून की दस्तक के साथ बुवाई का इंतजार कर रहे देवास जिले के किसानों को बड़ा झटका लगा है। खातेगांव तहसील के ग्राम कोलारी के 8 किसानों ने लाड़कुई स्थित जैन कृषि सेवा केंद्र से खरीदा गया सोयाबीन बीज खराब निकलने से भारी नुकसान झेला है। लगभग 25 क्विंटल बीज खेत में अंकुरित ही नहीं हुआ, जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
क्या है पूरा मामला?
कोलारी के आठ किसानों ने 17 जून को सोयाबीन की 2172, 2303 और 2218 वैरायटी का करीब 25 क्विंटल बीज खरीदा था। इस बीज की कीमत 6900 रुपये और 6700 रुपये प्रति क्विंटल थी। किसानों ने अगले ही दिन, यानी 18 जून को, अपने खेतों में बुवाई कर दी।
खेत में पर्याप्त नमी होने के बावजूद, किसानों का सोयाबीन बीज अंकुरित नहीं हुआ। जब किसानों ने विक्रेता से इस घटिया बीज की गुणवत्ता के बारे में पूछा, तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
कृषि अधिकारी ने भी माना, ‘बीज अमानक है’!
मामले की गंभीरता को देखते हुए, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एन.एस. गुर्जर ने प्रभावित खेतों का निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण के बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों को बेचा गया सोयाबीन बीज अमानक था।
गुर्जर ने बताया कि बीज जमीन में सड़ रहा है। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि व्यापारी ने किसानों को बिना किसी टैग वाली बोरियों में और केवल कच्ची पर्ची पर बीज बेचा था, जो नियमों का उल्लंघन है।
सिर्फ यहीं के किसान क्यों हुए प्रभावित?
किसान दीपक मीणा के अनुसार, कोलारी गांव के अन्य किसानों के खेतों में सोयाबीन बीज सामान्य रूप से अंकुरित हो गया है। केवल वे आठ किसान ही प्रभावित हुए हैं जिन्होंने लाड़कुई की जैन कृषि सेवा केंद्र से बीज खरीदा था। इससे बीज की गुणवत्ता पर सीधे सवाल खड़े होते हैं।
प्रभावित किसान और उनकी मांग
जिन किसानों को इस अमानक बीज से नुकसान हुआ है, उनमें नर्मदा प्रसाद, ईश्वर मीणा, पवन मीणा, गोपाल दुबे, गजराज सिंह और अनुज मीणा प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन सभी किसानों ने खातेगांव के एसडीएम और तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा है। उनकी मुख्य मांग है कि उन्हें व्यापारिक फर्म से हुए नुकसान की भरपाई कराई जाए।
फर्म संचालक ने साधी चुप्पी
जब इस गंभीर मामले में जैन कृषि सेवा केंद्र के संचालक से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने अपनी बीमार मां के इलाज का हवाला देते हुए बात करने से इनकार कर दिया। संचालक की यह चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
आगे क्या होगा?
यह मामला किसानों के साथ धोखाधड़ी और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाता है। प्रशासन से उम्मीद है कि वे जल्द से जल्द इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे और किसानों को उनका हक दिलाएंगे। अब देखना यह होगा की क्या कृषि सेवा केंद्र के संचालक पर कार्रवाई होगी या नहीं।