MP News: मध्य प्रदेश के रतलाम में आज होने वाले आदिवासी महा आंदोलन से पहले विधायक कमलेश्वर डोडियार गिरफ्तार हो गए हैं। जिला प्रशासन ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी।
लेकिन उसके बावजूद आंदोलन करने की तैयारी कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें और समर्थकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस आंदोलन में कई राज्यों के नेताओं के शामिल होने का दावा किया गया था, लेकिन आखिर में 100 से भी कम लोगों की भीड़ दिखाई दी।
विधायक और समर्थकों को लेकर जेल पहुंची पुलिस
शहर से बाहर बंजली हवाई पट्टी पर प्रदर्शन होना था। लेकिन उससे पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने उनके साथ बैठे साथियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वाहन से पुलिस विधायक डोडियार को लेकर जिला जेल पहुंची।
कई राज्यों के नेताओं के आने का दावा, 100 से भी कम लोग हुए शामिल
विधायक ने 11 दिसंबर को महा आंदोलन का ऐलान किया था। इसमें राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक, सांसद और समाजजन के आने का दावा किया था। लेकिन देखा गया कि प्रदर्शन में 100 से भी कम लोग शामिल हुए।
विधायक को नहीं दी थी प्रदर्शन की अनुमति
सुबह 11 बजे से सभी लोग डॉ. आंबेडकर सर्कल की बजाय बंजली क्षेत्र में एकत्र होने लगे थे। जिला प्रशासन ने जब विधायक डोडियार को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। इस पर विधायक ने कहा था कि न आचार संहिता लगी है और न ही कुछ। ऐसे में अनुमति की जरूरत नहीं है। आज सुबह 11 बजे सभी बंजली क्षेत्र में एकजुट होंगे लगे थे।
यह है विवाद की वजह
6 दिसंबर की रात 10 बजे सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार और डॉ. सीपीएस राठौर में विवाद हो गया था। विधायक का कहना था, “मैं अपना इलाज करवाने और अपने क्षेत्र के मरीजों को देखने आया था। इमरजेंसी ड्यूटी में बिना यूनिफार्म में एक व्यक्ति बैठा था। उससे मैंने पूछा डॉक्टर कौन है तो वह गालियां देने लगा। उसे मेरे गनमैन ने बताया कि ये विधायक हैं। उसके बावजूद उसने गालियां दीं।”
विधायक की रिपोर्ट पर डॉक्टर के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट में केस दर्ज किया गया। वहीं डॉक्टर राठौर ने विधायक पर सरकारी काम में बाधा और डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट में केस दर्ज करवाया। राठौर ने इसमें बताया कि विधायक और उनके साथियों ने गालियां दी थी।