New Soyabean Mandi Rate : मध्य प्रदेश के किसान पिछले कई दिनों से सोयाबीन की फसल का दाम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने का फैसला किया और सोयाबीन के भाव 4892 रुपए निर्धारित कर दिए। इसके बावजूद भी किसानों में आक्रोश देखने को मिल रहा है और प्रदेश के कई जिलों में ट्रैक्टर रैली निकालकर किसानों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है और सोयाबीन के भाव 6000 रुपए प्रति कुंटल करने की मांग की जा रही है।
सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य
जानकारी के लिए आपको बता दे कि मंडियों में नई सोयाबीन की आवक शुरू हो गई है और किसान अपने सोयाबीन की नई फसल को लेकर मंडी पहुंच रहे हैं। हालांकि 25 सितंबर से सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 4892 रुपए के लिए सोयाबीन का पंजीयन शुरू हो चुका है और 25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीदारी भी शुरू हो जाएगी।
मंडियों में सोयाबीन की बंपर आवक
मध्य प्रदेश के कई जिलों में सोयाबीन की कटाई शुरू हो चुकी है और मंडियों में सोयाबीन की बंपर आवक आने लगी है। पुरानी और नई दोनों तरह की सोयाबीन मंडियों में पहुंच रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, कृषि उपज मंडी उज्जैन में सोमवार को 6500 बोरी सोयाबीन की आवक रही। इसमें से लगभग 1000 बोरी नया सोयाबीन मंडी में आया।
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कृषि उपज मंडी उज्जैन
बताया जा रहा है कि, पुराना सोयाबीन 4655 से 4736 रुपए प्रति क्विंटल के भाव नीलामी में लगे, जबकि 1000 बोरी से अधिक नया सोयाबीन 3501 से 4485 रुपए बिका। सोयाबीन प्लांट संचालक आमतौर पर 15% नमी वाला सोयाबीन खरीदने हैं। इस समय मंडी में जो नया सोयाबीन आ रहा है, उसमें 18 से 28% तक की नमी है। पुराना सोयाबीन 10% की नमी वाला रहता है। सोयाबीन प्लांट नीमच लाइन में नया 15% नमी वाले के भाव 4475 रहा, जबकि पुराना 10% नमी वाला 4800 रुपए प्रति क्विंटल के भाव ऑफर किए गए।
इंदौर लाइन
इंदौर लाइन के सोयाबीन प्लांट 10% नमी वाला 4700 रुपए के भाव ऑफर किए गए। इधर, किसान वर्ग गीला सोयाबीन बेच रहे। किसानों का मानना है कि समर्थन दाम तक रुकेंगे, जब तक 5 किलो तक उपज सूख न जाए। ऐसे में इस समय के बिक्री भाव फायदा देते नजर आ रहे हैं।किसानों की सोयाबीन के 6000 रुपए भाव करने की मांग पर कोई प्रतिक्रिया अब नहीं है।
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समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू होते ही भाव में तेजी आने की उम्मीद
इधर, सोयाबीन प्लांट की डीओसी की डिमांड जीरो, मौसम गर्म होने के साथ आवक दबाव वाली होने से भाव में किसी भी प्रकार की तेजी नहीं बताई जा रही है। उम्मीद है कि संभागभर की कृषि उपज मंडियों में अगले सप्ताह से आवक बढ़ती जाएगी। आवक बढ़ने से भाव में तेजी की संभावना कम ही बताई जा रही है। इधर व्यापारियों का यह भी मानना है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू होते ही भाव में तेजी आने की उम्मीद है।
2011 के बाद से सोयाबीन के भाव लगभग स्थिर
उधर सोयाबीन के समर्थन मूल्य को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगातार निशाना साध रही है। पिछले दिनों राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री यादव से सोयाबीन का रेट बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि 2011 के बाद से सोयाबीन के भाव लगभग स्थिर हैं।