Richest Donor: HCL के को-फाउंडर शिव नाडर देश के सबसे बड़े दानवीर हैं। शिव और उनके परिवार ने पिछले साल यानी वित्त वर्ष 2023-24 में 2,153 करोड़ रुपए का दान दिया। यानी रोजाना 5.90 करोड़ रुपए दिए। यह जानकारी एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथरोपी लिस्ट 2024 में दी गई है।
हुरुन इंडिया की ओर से गुरुवार को जारी एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट-2024 के मुताबिक शिव नाडर पांच साल से लगातार प्रथम स्थान पर बने हुए हैं। लिस्ट में देश के सबसे बड़े दानवीरों को शामिल किया गया। लिस्ट 1 अप्रेल, 2023 से 31 मार्च, 2024 के बीच दिए दान के आंकड़ों के आधार पर बनाई गई। लिस्ट में दूसरे नंबर पर अंबानी परिवार हैं। उन्होंने 407 करोड़ रुपए दान दिए।
महिलाओं में सबसे आगे रहीं रोहिणी नीलेकणि
रोहिणी नीलेकणि 154 करोड़ रुपए के दान के साथ सबसे ज्यादा दान देने वाली महिला रहीं। नीलेकणि दंपती ने लिस्ट में टॉप 10 में जगह बनाई। नंदन नीलेकणि 307 करोड़ रुपए के दान के साथ छठवें स्थान पर हैं।
अदाणी परिवार के दान में 16 फीसदी का इजाफा
गौतम अदाणी और परिवार ने 330 करोड़ रुपए का दान दिया। पिछले साल की तुलना में अदाणी परिवार के दान में 16 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। दान अदाणी फाउंडेशन के जरिए शिक्षा, कौशल विकास और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में किया गया।
शिक्षा के लिए सबसे अधिक राशि दी गई
दानवीरों ने सबसे ज्यादा दान 3,680 करोड़ रुपए शिक्षा के लिए दिया। यह दान सूची में शामिल 123 लोगोंं ने दिया। पिछले साल की तुलना में यह करीब 138 फीसदी की बढ़ोतरी है। इसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 626 करोड़ रुपए, ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए 331 करोड़ रुपए, पर्यावरण क्षेत्र को 177 करोड़ रुपए और इकोसिस्टम बिल्डिंग को 202 करोड़ रुपए दान दिए गए।
मुंबई में सबसे अधिक दानवीर
लिस्ट में सबसे ज्यादा दानवीर मुंबई (61) के हैं। नई दिल्ली से 39, बेंगलूरु से 18, हैदराबाद से 12 और पुणे से 11 लोगों ने लिस्ट में जगह बनाई। अहमदाबाद से 9, चेन्नई से 8, कोलकाता से 8, गुरुग्राम से 5 और सूरत से 3 लोग सूची में शामिल हैं।
कॉर्पोरेट सीएसआर में रिलायंस सबसे आगे
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 900 करोड़ रुपए के योगदान के साथ कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) सूची में शीर्ष पर रही। रिलायंस के बाद नवीन जिंदल की अगुवाई वाली जिंदल स्टील एंड पावर ने 228 करोड़ रुपए आवंटित किए, जो निर्धारित सीएसआर खर्च से 50 करोड़ रुपए अधिक है।