MP Weather Update : इस मानसून सीजन की सबसे बड़ी मानसून प्रणाली वर्तमान में अवदाब के रूप में उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर सक्रिय है। इस प्रणाली के असर से प्रदेश के अधिकतर जिलों में भारी वर्षा हो रही है। कहीं-कहीं बाढ़ के भी हालात बन गए हैं। प्रदेश में गुरुवार को भी ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग के जिलों में एवं भोपाल, उज्जैन संभाग में कहीं-कहीं अति भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की गई थी। इसके बाद शुक्रवार को ग्वालियर, चंबल संभाग को छोड़कर शेष जिलों में भारी वर्षा से राहत मिलने की उम्मीद है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में अवदाब का क्षेत्र उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर बना हुआ है। मानसून द्रोणिका बीकानेर, सीकर, शिवपुरी से अवदाब के क्षेत्र से होकर से पेंड्रा रोड, राउरकेला, दीघा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दक्षिणी गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी गुजरात से लेकर केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अवदाब का यह क्षेत्र इस सीजन का प्रदेश का सबसे बड़ा सिस्टम है। इसके प्रभाव से मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात में कई शहरों में अतिभारी वर्षा हुई है। गुरुवार को भी ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग के जिलों में एवं भोपाल, उज्जैन संभाग में कहीं-कहीं अति भारी वर्षा होने की संभावना है।
हालांकि यह मौसम प्रणाली ग्वालियर की तरफ बढ़ने के बाद उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ जाएगी। इस वजह से शुक्रवार से ग्वालियर, चंबल संभाग को छोड़कर प्रदेश के शेष क्षेत्रों को भारी वर्षा से राहत मिलने के भी आसार हैं। कहां कितनी वर्षा पिछले 24 घंटों के दौरान बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक प्रदेश में सबसे अधिक 300 मिलीमीटर वर्षा सागर के शाहगढ़ में हुई। दमोह के पथरिया में 280, रायसेन के उदयपुरा में 254, छतरपुर के बक्सवाहा में 244 मिमी. वर्षा हुई। इसके बाद बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक नौ घंटे में पचमढ़ी में 108, नौगांव में 102, शिवपुरी में 69 मिमी एवं राजधानी भोपाल में 48 मिमी वर्षा हुई।