Khategaon News : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को खातेगांव पहुंचे। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार खातेगांव आए चौहान का लोगों ने स्वागत किया। किसानों सहित अन्य ने मामाजी जिंदाबाद के नारे लगाए। खातेगांव के प्रमुख मार्गों व चौराहों से शिवराज वाहनों के काफिले के साथ डाक बंगला मैदान पहुंचे, जहां आमसभा हुई।
संबोधन के दौरान चौहान ने देरी के लिए क्षमा मांगी। लखपति बहना, किसान, अतिथि शिक्षक, क्षेत्र में किसानों के लिए जल परियोजना आदि को लेकर बातें की। शिवराज ने कहा कि आपकी तपस्या को प्रणाम। आप दोपहर से इंतजार कर रहे हैं। मोदी जी ने मेरा कार्यक्षेत्र बढ़ा दिया है, पर मेरी विदिशा संसदीय क्षेत्र की जनता जिसने मुझे रिकॉर्ड मतों से जीत दिलाई, उसके लिए आता रहूंगा।
बड़े-बुजुर्गों ने शिवराज के सिर पर हाथ रख उन्हें आशीर्वाद दिया तो लाड़ली बहनों ने शिवराज को तिलक लगाकर आरती उतारी। नन्हें बच्चे मामा-मामा कहते हुए शिवराज से लिपटे, तो उन्होंने भी बच्चों को गोद में उठाकर दुलार किया। मंच पर भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव खंडेलवाल, विधायक आशीष शर्मा, मंडल अध्यक्ष कचरू पटेल, नगर पंचायत अध्यक्ष सारिका नरेंद्र चौधरी ने मां नर्मदा का चित्र बैठकर सम्मान किया। खंडेलवाल और विधायक शर्मा सहित अन्य ने संबोधित किया।
किसानों के मुद्दे पर शिवराज ने कहा कि खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है। अन्य उपकरणों को जोड़ने पर प्रभावी शुल्क 27.5 प्रश कर दिया गया है। रिफाइंड तेल पर मूल शुल्क बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस निर्णय से सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंगफली उत्पादक किसानों को आर्थिक लाभ होगा।
प्याज पर निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत था, जिसे घटाकर 20 प्रतिशत किया गया। इस निर्णय से प्याज उत्पादक किसानों को ठीक दाम मिलेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 क्षेत्रीय फसलें और 27 बागवानी फसलों की नई किस्में किसानों को समर्पित की हैं। इससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी।
बासमती चावल पर भी मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइज समाप्त करने का निर्णय लिया गया, जिससे बासमती चावल के उत्पादक किसान इनका निर्यात करके और ज्यादा मुनाफा हासिल कर पाएंगे। शिवराज सिंह चौहान ने तुअर, उड़द और मसूर उत्पादक किसानों के लिए 100 प्रतिशत खरीदी का आश्वासन दिया। कहा कि वर्ष 2025-26 तक दलहनी फसलों के क्षेत्र विस्तार और उत्पादकता में सुधार का लक्ष्य रखा है और साल 2027-28 तक आत्मनिर्भरता का लक्ष्य तय किया गया है।
Also Read – MP में कुदरत का करिश्मा, अचानक पानी फेंकने लगा 20 साल से बंद पड़ा बोरवेल, 24 घंटे से निकल रहा पानी
शिवराज ने कहा कि किसानों का विकास और कल्याण प्रधानमंत्री मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना का नया सर्वे जल्द ही शुरू होगा, उसमें जो शेष रह गए हैं उनके नाम भी लिस्ट में जोड़े जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों में भी परिवर्तन किए गए हैं, पहले जिनकी आमदनी 10 हजार रुपये थी, उन्हें पात्र नहीं माना जाता था लेकिन अब जिनकी आय प्रति माह 15 हजार रुपये हैं उन्हें भी पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे। आगे कहा कि खातेगांव क्षेत्र में सबसे प्रमुख समस्या पानी की थी। यहां की जनता ने मुझे क्षेत्र में पानी की समस्या से अवगत करवाया था।
मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई देता हूं कि आज रेवा परियोजना के कारण खातेगांव का 90 प्रतिशत से भी ज्यादा इलाका सिंचित हो जाएगा। रेवा परियोजना स्वीकृत कर दी गई है। इस क्षेत्र में पानी की कोई कमी नहीं रहेगी, सिंचाई की भरपूर व्यवस्था कर दी गई है। सोयाबीन, प्याज, आलू और सब्जी की फसलों के लिए भी भावांतर भुगतान योजना की अनुमति अगर कोई राज्य मांगेगा तो केंद्र सरकार अनुमति देगी, ताकि मिनिमम सपोर्ट प्राइस और मार्केट के रेट के बीच जो अंतर है उसे सरकार बिना खरीदे भी किसान के खाते में डाल सकें।
हर बहन बनेगी लखपति दीदी
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, “अब लाड़ली बहना से लखपति दीदी बनाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। कोई बहन अब गरीब नहीं रहेगी, हर बहन लखपति बनेग।” उन्होंने कहा कि सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से अनेकों काम अपनी बहनों को देते हुए उनकी आमदनी बढ़ाना है। लखपति दीदी का मतलब है कि, हर बहन की प्रति माह आय कम से कम 10 हजार रूपए हो और सालाना आय 1 लाख से ज्यादा हो। ये बहनों की जिंदगी बदलने का अभियान है।
आधुनिक कृषि चौपाल
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कई तरह की रिसर्च करती है। अभी 109 नए बीज की वैरायटी तैयार की है, लेकिन किसानों को कई दिनों तक उसका फायदा नहीं मिलता। इसलिए ऐसे जितने भी शोध करेंगे वो लैब से लैंड तक तत्काल पहुंच जाएं और किसान तक इसकी पूरी जानकारी पहुंच जाएं। इसलिए हमने आधुनिक कृषि चौपाल हर महीने शुरू करने का फैसला किया है। इसमें किसान और वैज्ञानिकों की बात टीवी और रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित होगी। ताकि किसान अलग-अलग जगह देखकर ये समझ सकें कि अगर कोई नई वैरायटी आई है तो उसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। उससे उत्पादन कैसे बढ़ा सकते हैं। जितने नये प्रयोग कृषि में होंगे उनको वैज्ञानिक समझाएंगे। इसलिए आधुनिक कृषि चौपाल प्रारंभ करने का फैसला किया है।