जम्मू-कश्मीर में 2019 के पुलवामा अटैक के बाद मंगलवार को सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक यूएई और एक नेपाल का पर्यटक और 2 स्थानीय नागरिक शामिल हैं। बाकी पर्यटक यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं।
घटना मंगलवार दोपहर करीब 2.45 बजे पहलगाम की बैसारन घाटी में हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों ने यूपी से आए शुभम द्विवेदी से नाम पूछा, फिर उसके सिर में गोली मार दी। शुभम की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। वो हनीमून पर यहां आया था।
आतंकियों ने दूसरे पर्यटकों पर फायरिंग करते हुए भाग निकले। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली है। प्रशासन ने आतंकी हमले में एक मौत की बात कही थी, लेकिन करीब 4 घंटे बाद न्यूज एजेंसी ने 26 मौतों की जानकारी दी। घटना में 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पहलगाम में हमले वाले इलाके को घेर लिया है। हेलिकॉप्टर से भी नजर रखी जा रही है।
इस हमले के तुरंत बाद गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में हाईलेवल बैठक बुलाई। जेद्दा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की है। गृहमंत्री दिल्ली से श्रीनगर पहुंच चुके हैं। उनके साथ आईबी चीफ और गृहसचिव भी मौजूद हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर सऊदी अरब की ओर से आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज में भाग नहीं लिया। उन्होंने अपनी सऊदी यात्रा को छोटा करने का फैसला लिया। PM मोदी सुबह भारत पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री दो दिनों के दौरे के लिए सऊदी गए थे। बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में प्रधानमंत्री हिस्सा लेंगे।
इसी हमले में कर्नाटक के शिवमोगा जिले के मंजूनाथ ने भी जान गंवाई है. वो परिवार के साथ पहलगाम छुट्टियां मनाने के लिए पहुंचे थे. उनके साथ पत्नी पल्लवी और बेटा था. पल्लवी ने इस हमले के बारे में जो कुछ बताया है, वो दिल दहला देने वाला है. पल्लवी ने बताया कि आतंकी हिंदुओं को गोली मार रहे थे.
जाओ, मोदी को ये बता देना
आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मंजूनाथ की पत्नी पल्लवी ने आगे बताया, जब उन्होंने मेरे पति को मार दिया तो मैंने और बेटे ने आतंकियों से कहा कि तुमने मेरे पति को मार दिया है. अब मुझे भी मार दो. इस पर एक आतंकी ने कहा कि तुम्हें नहीं मारूंगा. जाओ, मोदी को ये बता देना. हमले के बाद स्थानीय लोग हमारी मदद के लिए आए. 3 स्थानीय लोगों ने जान बचाई.
आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा
सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादी हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा. आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा. उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा. आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है. यह और भी मजबूत होगा. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है.
दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी
पीएम मोदी ने हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की. उन्हें स्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए कहा. पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आतंकी हमले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हमले को कायराना हरकत करार दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. पहलगाम हमले के विरोध में जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने बुधवार को जम्मू बंद बुलाया है।
मरने वालों के नाम
1. मनुज नाथ (कर्नाटक)
2. शिवम मोगा (कर्नाटक)
3. लेफ्टिनेंट विंजय नरवाल (हरियाणा)
4. शुभम द्विवेदी (यूपी)
5. दिलीप डेसले (महाराष्ट्र)
6. अतुल मोहने (महाराष्ट्र)
7. सैयद हुसैन शाह (अनंतनाग)
8. सुदीप नेवपाने (नेपाल)
9. बिटन अधकेरी उधवानी कुमार (यूएई)
12. संजय लेले
13. हिम्मत कलाथय
14. प्रशांत कुमार
15. मनीष रंजन (हैदराबाद)
16. रामचन्द्रन
17. शलिंदर कल्पिया
18. दिनेश मिरानिया (छत्तीसगढ़)
घायलों के नाम
1. विनो भट्ट (गुजरात)
2. एस बालचंद्रू (महाराष्ट्र)
3. अभिजवन राव (कर्नाटक)
4. संतरू (तमिलनाडु)
5. साहसी कुमारी (उड़ीसा)
6. डॉ. परमेश्वर
7. माणिक पाटिल
8. रिनो पांडे
इमरजेंसी हेल्प डेस्क नंबर
अनंतनाग पुलिस ने पर्यटकों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर 9596777669 और 01932225870 जारी किए हैं। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर 9419051940 जारी किया है। श्रीनगर पुलिस की हेल्प डेस्क इमरजेंसी नंबर 0194-2457543, 0194-2483651, एडीसी श्रीनगर आदिल फरीद का नंबर 7006058623 जारी किया है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बाद टीआरएफ एक ऑनलाइन यूनिट के रूप में शुरू हुआ था. माना जाता है कि टीआरएफ को बनाने का मकसद लश्कर जैसे आतंकी संगठनों को कवर देना है. बैकडोर से पाक सेना और आईएसआई इसकी मदद करती है. टीआरएफ ज़्यादातर लश्कर के फंडिंग चैनलों का इस्तेमाल करता है. गृह मंत्रालय ने मार्च में राज्यसभा को बताया था, “द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन है.
टीआरएफ साल 2019 में अस्तित्व में आया था. इस संगठन को बनाने की साजिश सरहद पार से रची गई थी. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इसके बाद दुनियाभर में पाकिस्तान बेनकाब हो गया. इस हमले को जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था. जब दुनियाभर से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा तो वो समझ गया कि आतंकी संगठनों के खिलाफ कुछ न कुछ करके दिखाना होगा. इसके बाद उसने इस तरह के संगठन बनाने की साजिश रची थी.
इससे भारत में आतंक भी फैल जाए और उसका नाम भी न आए. तब जाकर आईएसआई और पाकिस्तानी सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर द रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) बनाया था. साल 2022 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा 90 से ज़्यादा ऑपरेशनों में 42 विदेशी नागरिकों सहित 172 आतंकवादी मारे गए. घाटी में मारे गए आतंकवादियों में से ज़्यादातर (108) द रेजिस्टेंस फ्रंट या लश्कर-ए-तैयबा के थे.
इसके साथ ही आतंकवादी समूहों में शामिल होने वाले 100 लोगों में से 74 टीआरएफ द्वारा भर्ती किए गए थे, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह से बढ़ते ख़तरे को दर्शाता है. टीआरएफ का नाम पहली बार साल 2020 में कुलगाम में हुए हत्याकांड के बाद सामने आया. उस समय बीजेपी कार्यकर्ता फिदा हुसैन, उमर राशिद बेग और उमर हाजम की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. बताया जा रहा है टीआरएफ कश्मीर में फिर से वही दौर लाना चाहता है, जो 90 के दशक में था.