महाकुंभ का कल यानी महाशिवरात्रि को आखिरी दिन है। मंगलवार सुबह से फिर मेले में जबरदस्त भीड़ है। आसपास के जिलों से लोग पहुंच रहे हैं। प्रयागराज शहर के सभी एंट्री पॉइंट पर जाम लगा है। पुलिस धीरे-धीरे वाहनों को निकाल रही है। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व पर 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम आने का प्रशासन का अनुमान है।
भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने आज शाम 6 बजे से प्रयागराज कमिश्नरेट यानी शहर को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया। शाम से कोई भी वाहन शहर में एंट्री नहीं कर पाएंगे। वहीं, मेला क्षेत्र शाम 4 बजे से नो-व्हीकल जोन हो जाएगा।
हालांकि, भीड़ को देखते हुए मंगलवार सुबह से ही प्रयागराज पहुंचने वाली गाड़ियों को संगम से 10 किमी पहले पार्किंग में रोका जा रहा है। प्रशासन ने अपील की है कि श्रद्धालु नजदीकी घाट पर स्नान करें और घर जाएं। आज दोपहर 12 बजे तक 68.31 लाख लोगों ने डुबकी लगाई है। महाकुंभ में निगरानी के लिए एयरफोर्स तैनात किया गया है।
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अब तक 63.36 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके
मेले में 44 दिन यानी 13 जनवरी से अब तक 63.36 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। सोमवार को 1.30 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किया।
स्नान के लिए यह है प्रशासन का मास्टर प्लान
महाकुंभ प्रशासन ने चारों दिशाओं से आ रहे श्रद्धालुओं के आधार पर स्नान का प्लान बनाया है। दक्षिणी झूसी से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार ऐरावत घाट पर स्नान कर सकेंगे। उत्तरी झूसी की ओर से आने वाले श्रद्धालु संगम हरिश्चंद्र घाट और संगम ओल्ड जीटी घाट पर नहाएंगे।
इसी तरह परेड से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार भरद्वाज घाट पर स्नान करे सकेंगे। संगम द्वार से आने वाले नागवासुकि घाट,संगम द्वार मोरी घाट, संगम द्वार काली घाट, संगम द्वार रामघाट, संगम द्वार हनुमान घाट पर स्नान करेंगे। अरैल से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार अरैल घाट पर स्नान करेंगे।
आवश्यक सेवाओं के लिए छूट
दवाइयां, दूध, सब्जी, एंबुलेंस जैसी जरूरत की सामग्रियां लाने वाली गाड़ियां और सरकारी कर्मचारियों (डॉक्टर, पुलिस, प्रशासन) के वाहनों पर कोई रोक-टोक नहीं होगी। 26 फरवरी 2025 को महाकुंभ पर्व का समापन महाशिवरात्रि के साथ होगा। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे शीघ्रता से समीप घाट पर स्नान और शिवालय में दर्शन कर अपने गंतव्य को प्रस्थान करें।
पाण्टून पुल और भीड़ प्रबंधन
दिशा-निर्देशों में ये भी बताया कि सभी पाण्टून पुलों का संचालन भीड़ के दबाव के अनुसार किया जाएगा। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि सभी घाटों को संगम के सामान मान्यता प्राप्त है, इसलिए श्रद्धालु निकटस्थ घाट पर स्नान कर यातायात और भीड़ प्रबंधन में सहयोग करें।