मध्यप्रदेश के इंदौर से दुखद खबर आई है। जहां भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का हार्ट अटैक से निधन हो गया। हार्ट अटैक आने पर नरेन्द्र सलूजा (Narendra Saluja) को परिवार के सदस्य पास के ही एक अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। नरेन्द्र सलूजा के निधन से भाजपा और कांग्रेस में शोक की लहर है।
दरअसल, नरेंद्र सलूजा दो दिन पहले ही सीहोर के रिसॉर्ट में शादी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वहां उन्हें घबराहट होने लगी थी। उनके साथ इंदौर के ही कांग्रेस नेता सुरजीत सिंह चड्ढा भी थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने गैस की गोली खाई थी। इसके बाद इंदौर के लिए रवाना हो गए थे। फिर बुधवार को दोपहर तीन बजे के करीब उन्हें अचानक चक्कर आ गया, जिसके बाद वे बेहोश हो गए। उन्हें आनन-फानन में खंडवा रोड स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
कुछ देर पहले ही किया आखिरी ट्वीट
भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आखिरी ट्वीट 2 बजकर 54 मिनट पर किया था। उसमें उन्होंने अक्षय तृतीया की शुभकमानएं दी थीं। साथ ही भाजपा नेता समेत कुछ लोगों को जन्म दिन की बधाई भी दी थी। इससे कुछ देर बाद ही उनके निधन की बुरी खबर आ गई।
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे
नरेंद्र सलूजा 25 नवंबर 2022 को कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। काफी समय तक कांग्रेस में रहने वाले सलूजा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamal nath) के बेहद करीबी माने जाते थे और वे कांग्रेस में प्रदेश मीडिया के समन्वयक रह चुके हैं। सलूजा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) और वन मंत्री विजय शाह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उस समय सलूजा का भाजपा में चले जाना कांग्रेस के लिए काफी बड़ा झटका था। भाजपा में जाने के बाद सलूजा को प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया था।
कमलनाथ से बढ़ने लगी थी दूरी
इंदौर के खालसा कॉलेज में प्रकाश पर्व का आयोजन था, वहां कीर्तन कार्यक्रम में कमलनाथ भी शामिल हुए थे। वहां पदाधिकारियों ने उन्हें सरोपा सौंपा था। इस पर एक कीर्तनकार ने उनके सम्मान का विरोध कर दिया था। कीर्तनकार ने 1984 में हुए सिख दंगों के लिए कमलनाथ को जिम्मेदार बताया था। इस विवाद के कारण भी कमलनाथ नरेंद्र सलूजा से नाराज चल रहे थे।
उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी। सलूजा पर तब साजिश रचने का आरोप कांग्रेस ने लगाया था। सलूजा की पीसीसी मुख्यालय में एंट्री पर भी रोक लगा दी थी। भाजपा ज्वाइन करने पर सलूजा के बारे में कांग्रेस ने बयान दिया था कि वे कांग्रेस छोड़कर नहीं गए हैं, उन्हें निकाला गया है। जबकि सलूजा कहते रहे कि भाजपा की विचारधारा से प्रेरित होकर वे शामिल हो रहे हैं।
सलूजा के आकस्मिक निधन पर सीएम मोहन यादव ने दुख जाहिर करते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी, मध्यप्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता, प्रखर वक्ता, युवा साथी श्री नरेंद्र सलूजा जी के आकस्मिक निधन का समाचार अत्यंत ही दुखद और स्तब्धकारी है. मृदुभाषिता, सरलता और सहजता उनके व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा रहा, संगठन के प्रति उनका समर्पण सदैव याद किया जाएगा. मेरी संवेदनाएँ शोक-संतप्त परिवारजनों और समर्थकों के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.”
वहीं नरेंद्र सलूजा के निधन की खबर पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स हैंडल पर लिखा, “भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा के असामयिक निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे. उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं है.”