MP Hindi News : करवा चौथ हिंदू महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और अर्घ्य देकर चांद की पूजा करती हैं. करवा चौथ मध्य प्रदेश में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. अगर आप एमपी में रहते हैं और करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं तो जान लें कि मध्य प्रदेश के शहरों में करवा चौथ पर चांद किस समय निकलेगा.
MP के इन शहरों में कब निकलेगा करवा चौथ का चांद
भोपाल- रात 8 बजकर 5 मिनट
ग्वालियर -रात 7 बजकर 54 मिनट
उज्जैन -रात 8 बजकर 15 मिनट
इंदौर- रात 8 बजकर 12 मिनट
जबलपुर- रात 7 बजकर 58 मिनट
मंदसौर- रात 8 बजकर 16 मिनट
खंडवा- रात 8 बजकर 12 मिनट
रतलाम- रात 8 बजकर 14 मिनट
सीहोर- 8 बजकर 09 मिनट
इटारसी- 8 बजकर 08 मिनट
नर्मदापुरम- 8 बजकर 08 मिनट
रायसेन- 8 बजकर 6 मिनट
बड़वानी- 8 बजकर 21 मिनट
खरगौन- 8 बजकर 21 मिनट
झाबुआ- 8 बजकर 21 मिनट
छिंदवाड़ा- 8 बजकर 04 मिनट
सिंगरौली- 7 बजकर 44 मिनट
मध्यप्रदेश के इंदौर, जबलपुर सहित 19 जिलों में आज बादल छाने के आसार है, जिससे करवा चौथ पर सुहागिन स्त्रियों के लिए व्रत खोलना मुश्किल हो सकता है। इस स्थिति में महिलाएं शास्त्रों में दिए गये पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए विशेष विधियों से व्रत को खोल सकती हैं।
मध्य प्रदेश में मानसून की वापसी लगभग हो चुकी है, लेकिन कई जिलों में अभी बारिश हो रही है। इंदौर, जबलपुर सहित 19 जिलों में अभी बारिश की संभावनाएं बनी हुई हैं। ऐसे में इनमें रविवार के दिन चांद का दिखना मुश्किल होगा। करवा चौथ के व्रत में बिना चांद को देखे सुहागिन स्त्रियां व्रत नहीं खोल सकती हैं। ऐसे में शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका हम पालन कर सकते हैं।
चांद दिखाई न देने पर करवा चौथ का व्रत खोलने के तरीके
करवा चौथ के दिन चांद के दीदार नहीं हो पा रहे हैं, तो आप भगवान शिव की तस्वीर को देखकर अपना व्रत को पूरा कर सकती हैं। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि भगवान शिव की तस्वीर में उनके मस्तक पर चंद्रमा होना चाहिए।
आप चावल के चंद्रमा बनाकर भी व्रत खोल सकते हैं। आप चंद्रोदय की दिशा में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दें। उसके बाद उस पर चावल के चंद्रमा बनाकर ओम चतुर्थ चंद्राय नम: मंत्र की स्तुति करें। इस तरह आप अपना व्रत खोल सकती हैं।
करवा चौथ का व्रत खोलने का यह तरीका नए दौर का है। आपके शहर में चांद न दिखाई देने की स्थिति में आप अपने परिचितों को वीडियो कॉल कर सकती हैं। उनके यहां चांद के दर्शन कर विधि विधान से पूजा करके व्रत को खोल सकती हैं।
इन जिलों में रहेंगे बादल छाने के आसार
जबलपुर
कटनी
नरसिंहपुर
मंडला
डिंडोरी
सिवनी
बालाघाट
नर्मदापुरम
हरदा
बैतूल
इंदौर
आलीराजपुर
बड़वानी
बुरहानपुर
धार
झाबुआ
खंडवा
खरगोन
करवा चौथ पर जरूर पढ़ें करवा माता की ये कथा
मान्यता है कि करवा माता की पूजा और उनकी कथा पढ़े बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार करवा देवी अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास एक गांव में रहती थी. एक बार जब करवा के पति नहाने के लिए नदी पर गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और पानी में खींच लिया. मौत को नजदीक देखकर करवा के पति पुकारने लगे. पति की चीख सुनते ही करवा नदी पर पहुंच गई.पति को मौत के मुंह में जाते देख करवा ने मगरमच्छ को कच्चे धागे से पेड़ से बांध दिया. मगरमच्छ कच्चे धागे से इस तरह बंधा था कि वह जरा भी हिल नहीं पा रहा था. करवा के पति और मगरमच्छ दोनों की जान खतरे में थी. तब करवा ने यमराज को पुकारा और उनसे अपने पति को जीवनदान देने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने की विनती की.
यमराज ने करवा से कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उसके पति की मृत्यु का समय बीत चुका है और मगरमच्छ का जीवन अभी बाकी है. यम देव के ऐसे वचन सुनकर करवा देवी क्रोधित हो गई और उन्होंने यमराज को श्राप देने की बात कही.करवा की पति भक्ति देखकर यमराज प्रसन्न हुए और उन्होंने करवा के पति की जान बचाई, जबकि मगरमच्छ मर गया. ऐसा माना जाता है कि यह घटना कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को घटित हुई थी. यही कारण है कि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए शिव परिवार, करवा माता का व्रत और पूजा करती हैं.