मध्यप्रदेश में HMPV वायरस को लेकर अलर्ट, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए ये निर्देश

By Ashish Meena
January 6, 2025

HMPV Virus : भारत में एचएमपीवी वायरस के मामले सामने आने के बाद मध्य प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। इसी के चलते सूबे के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों को एचएमपीवी वायरस की स्थिति पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।

एचएमपीवी वायरस को लेकर कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों को एचएमपीवी वायरस की स्थिति पर गहन निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही मेडिकल कॉलेजों में पे-प्रोटेक्शन से संबंधित प्रस्ताव को तैयार कर कैबिनेट अनुमोदन के लिए शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा है। स्वास्थ मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि एचएमपीवी वायरस की मौजूदा स्थिति पर विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप सतत निगरानी रखने और आवश्यक स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की तैयारी रखना होगी।

भारत में दो संक्रमितों की हुई पुष्टि
दरअसल, सरकार ने चीन वाले एचएमपीवी वायरस की भारत में अबतक दो मामलों की पुष्टि की है। मिली जानकारी के अनुसार, सबसे पहला मामला बेंगलुरु के एक अस्पताल में सामने आया है।

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यहां एक 3 महीने की बच्ची और दूसरा 8 महीने का बच्चा वायरस से संक्रमित पाया गया है। खास बात ये है कि दोनों ही मामलों में कोई इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं है।

ये हैं HMPV वायरस के लक्षण
एचएमपीवी वायरस के लक्षणों की बात करें तो इसमें अन्य सामान्य सर्दी वायरसों के लक्षणों की ही तरह होती है। इनमें खांसी, बुखार, नाक बहना, गले में खराश या गले में जलन और दर्द होना, सांस लेने में कठिनाई, विशेषकर शिशुओं और छोटे बच्चों में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज
एचएमपीवी की आशंकाओं को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अस्पतालों को निर्देश जारी किया है। सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के सभी अस्पतालों को निर्देश देते हुए कहा कि सांस से संबंधित बीमारी के बढ़ने के किसी भी मामले को पूरी तैयारी के साथ रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही सौरभ भारद्वाज ने एचएमपीवी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस को फॉलो करने का निर्देश दिया है। सौरभ भारद्वाज ने राजधानी के अस्पतालों के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की समय-समय पर आ रही अपडेट्स से खुद को अवेयर रखें और उसके अनुसार ही तैयारी करके रखें।

दिल्ली में एचएमपीवी की आशंकाओं को देखते हुए सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बीमारी के खिलाफ लड़ाई में किसी तरह की कार्रवाई में देरी ना करें।

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भारद्वाज ने कहा कि किसी तरह की परमिशन या निर्देश की जरूरत है तो आप सीधे मुझे फोन कर सकते हैं। इसके साथ ही भारद्वाज ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया है कि हर रोज तीन अस्पतालों में निरीक्षण करने जाएं और उसकी रिपोर्ट मंत्रालय को सबमिट करें।

नहीं है कोई वैक्सीन और दवा
इस वायरस के इलाज के लिए कोई निर्धारित दवा या बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं है. केवल लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है. एचएमपीवी वायरस के दौरान तरल पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर को हाइड्रेटेड रखा जा सके.

बुखार होने पर बच्चों को पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन दी जाती है. कुछ मामलों मे एचएमपीवी वायरस के कारण बैक्टीरियल संक्रमण होता है, तो एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जा सकता है. लेकिन इस वायरस के इलाज के लिए कोई निर्धारित दवा नहीं बनी है.

क्या फिर से आएगी कोई नई महामारी?
महामारी विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार बताते हैं कि एचएमपीवी वायरस का केस भारत में आना अच्छा संकेत नहीं है. चूंकि यहां आबादी घनी है तो वायरस का ट्रांसमिशन तेजी से हो सकता है.

ऐसे में अलर्ट मोड पर काम करने की जरूरत है. फिलहाल जरूरी ये है कि संक्रमित बच्चों के संपर्क में आ चुके बच्चों की ट्रेसिंग की जाए और उनको आइसोलेट करें.

इस वायरस से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें और जैसे कोविड वायरस से बचने के नियमों का पालन किया गया था वैसे ही इससे बचें. इसके लिए हाथ धोकर भोजन करें और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं.

अगर इस वायरस के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत अस्पताल जाएं. इस मामले में लापरवाही न करें. जहां तक किसी नई महामारी की बात है तो फिलहाल ऐसा खतरा नहीं है. क्योंकि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और इसके अधिकतर मामले हल्के लक्षण वाले ही रहते हैं.

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आशीष मीणा को पत्रकारिता में 5 साल हो चुके है। इंदौर के श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय (DAVV) से आशीष मीणा ने पत्रकारिता की डिग्री हासिल की है। इंदौर के अग्निबाण जैसे कई प्रतिष्ठित अखबारों में काम करने के बाद आशीष मीणा ने यहां तक का सफर तय किया है।