इंदौर। इंदौर के मध्यक्षेत्र राजवाड़ा में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रंगपंचमी पर रंगारंग गेर निकली जा रही है। पूरा क्षेत्र रंगों से सराबोर है। टैंकरों से रंग और पानी की बौछार कई फीट ऊपर तक की गई। वहीं तोपों से गुलाल उड़ाया गया। पूरे गेर मार्ग को कानून-व्यवस्था की दृष्टि से नौ सेक्टरों में विभाजित कर अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया था। इन सेक्टरों की जवाबदारी एसडीएम को सौंपी गई थी। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोशन राय संपूर्ण कानून व्यवस्था के समन्व्यक हैं।
दर्दनाक हादसा, युवक की मौत
राजवाड़ा में रंगपंचमी गेर के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया। भीड़ के बीच ट्रैक्टर का पहिया पेट पर चढ़ने से 45 वर्षीय शख्स की मौत हो गई। इससे कुछ देर के लिए मौके पर हड़कंप मच गया। घायल को तत्काल एम. वाय. अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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इस हादसे से दुखी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गेर में शामिल नहीं होने का फैसला किया। वे इंदौर एयरपोर्ट से सीधा उज्जैन रवाना हो गए। पहले उनके राजवाड़ा आने का प्लान था।
राजवाड़ा क्षेत्र में टोरी कार्नर से सुबह 10.30 बजे से गेर निकलने का सिलसिला प्रारंभ हुआ। हुरियारों की टोलियां पूरे शहर से गेर देखने के लिए राजवाड़ा पहुंची।
पूरा क्षेत्र रंगों से सराबोर था। इस अद्भुत नजरों के गवाह शहर के हर उम्र के लोग बन रहे थे। गेर की तैयारी एक दिन पहले ही पूरी हो चुकी थी और राजवाडा क्षेत्र में घरों और मंदिरों को प्लास्टिक शीट से ढंक दिया गया था। गेर टोरी कार्नर से शुरू होकर राजवाड़ा, सराफा होते हुए नर्सिह बाजार और फाग यात्रा पहुंची।
इसमें राधा कृष्ण फाग यात्रा, संगम कार्नर गेर, टोरी कार्नर गेर, रसिया कार्नर और मारल क्लब की गेर निकलती है। रसिया कार्नर की गेर इस बार नहीं निकली।