नई दिल्ली। वाईएसआरसीपी नेता वी विजयसाई रेड्डी ने शनिवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने एलान किया था कि वह राजनीति से सन्यास लेंगे।
रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यसभा में उनके छह साल के कार्यकाल में साढ़े तीन साल बाकी होने के बावजूद उन्होंने निजी कारणों से अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात के बाद रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने अपना इस्तीफा उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति को सौंप दिया है और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।”
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राजनीति से लेंगे सन्यास
बता दें कि इससे पहले वाईएसआरसीपी के नेता वी विजयसाई रेड्डी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने इस पोस्ट में लिखा था कि वह किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं और राजनीति भी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा था कि 25 जनवरी को अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे।
उन्होंने कहा था कि मैं किसी पद, लाभ या पैसे की उम्मीद में इस्तीफा नहीं दे रहा हूं। यह फैसला पूरी तरह से मेरा निजी है। मुझ पर कोई दबाव नहीं था। किसी ने मुझे प्रभावित नहीं किया है।
अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा कि मैं हमेशा वाईएस परिवार का ऋणी रहूंगा, जिसने चार दशकों और तीन पीढि़यों तक मेरा साथ दिया है। मैं वाईएस जगन गारू का हमेशा आभारी रहूंगा, जिन्होंने मुझे दो बार राज्यसभा सदस्य के रूप में सेवा करने का अवसर दिया।
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बता दें कि विजयसाई रेड्डी को वाईएसआरसीपी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का बेहद करीबी सहयोगी और पार्टी के शीर्ष नेताओं में से एक माना जाता है। भ्रष्टाचार के मामलों में जगन मोहन रेड्डी के साथ वह दूसरे नंबर के आरोपी हैं तथा उनके साथ कई महीनों तक जेल में रहे। वाईएसआरसीपी सांसद अभी जमानत पर हैं।
वाईएसआरसीपी 2014 से 2019 तक विपक्ष में थी, तब विजयसाई रेड्डी ने दिल्ली में भाजपा नेतृत्व के साथ मजबूत राजनीतिक संबंध स्थापित किये थे। उन्होंने 2019 के आम चुनावों में वाईएसआरसीपी की शानदार जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
इस बीच वाईएसआरसीपी नेताओं ने कहा कि विजयसाई रेड्डी का राजनीति छोड़ना पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। नेताओं ने हालांकि दावा किया कि उन्हें नहीं पता कि उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया।