देवास। मध्य प्रदेश के देवास जिले के सोनकच्छ तहसील में लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तहसीलदार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है, जिसमें रिश्वत लेते हुए प्राथमिक शिक्षक भी शामिल है।
यह रिश्वत आवेदक से जमीन के नामांतरण के लिए मांगी गई थी। शुक्रवार को प्राथमिक शिक्षक ने पहले रिश्वत ली और उसे ले जाकर तहसीलदार को दी। लोकायुक्त ने दोनों को ही पकड़ लिया। मामले में कार्रवाई जारी है। तहसीलदार देवास जिले के खातेगांव में भी कार्यरत रहा है।
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दरअसल सोनकच्छ तहसील के ग्राम सांवेर के रवींद्र पिता सज्जनसिंह दांगिया ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन को आवेदन दिया था, कि मेरे नाम ग्राम कुमारिया राव इंदौर-भोपाल रोड पर भूमि है। जिसके नामांतरण के लिए लोकसेवा कार्यालय सोनकच्छ में 1 माह पूर्व आवेदन किया था। जिसके लिए तहसील कार्यालय में प्राथमिक शिक्षक जयसिंह परमार ने तहसीलदार से काम करवाने का बोला था।
काम करवाने के लिये आवेदक से कुल 7000 हजार रुपये की मांग की गई। मामले की पूरी शिकायत की जांच का सत्यापन पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन द्वारा डीएसपी सुनील तालान से कराया तो शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन अनिल विश्वकर्मा द्वारा ट्रैप दल का गठन किया गया।
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तहसील परिसर सोनकच्छ में पहले प्राथमिक शिक्षक जयसिंह परमार ने आवेदक से रुपए प्राप्त किए और तहसीलदार मनीष जैन को ले जाकर उनके चैंबर में दिए। इस दौरान आसपास तैनात लोकायुक्त टीम ने दोनों को रिश्वत की राशि 7000 रुपए सहित पकड़ लिया। प्राथमिक शिक्षक जयसिंह वर्तमान में निर्वाचन शाखा सोनकच्छ में अटैच है।