MP News : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी दी।
इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि जापान सरकार से कनेक्टिंग के लिए मध्य प्रदेश में कार्यालय स्थापित होगा और हाईस्पीड रेल कॉरिडोर, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर जापान से सहयोग लिया जाएगा।
शहरों को झुग्गीमुक्त करने की दिशा में राज्य सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में हितग्राहियों को आगामी पांच वर्ष में 10 लाख आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 को स्वीकृति दे दी।
इसमें केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 50 हजार करोड़ रुपये निवेश करेंगी, जिससे न केवल अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी बनेंगे।
मोहन कैबिनेट का बड़े फैसले
— भोपाल-इंदौर के बीच मेट्रो रेल प्रौद्योगिकी में शहरी विकास प्लानिंग, हाईस्पीड रेल कॉरिडोर, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर जापान से सहयोग लिया जाएगा।
— मध्यप्रदेश में कपास से कपड़ा, कपड़ा से रेडिमेड के वैल्यू एडीशन में जापान मध्यप्रदेश में अपना सहयोग प्रदान करेगा।
— सिसमेक्स कार्पोरेशन के साथ उज्जैन मेडिकल डिवाइस में निवेश और अनुसंधान का आश्वासन भी जापान ने दिया है।
— आटोमोटी सेक्टर और ईवी मैनिफेक्चरिंग के लिए भी जापान ने सहयोग करने की सहमति दी है।
— सीएम जनकल्याण के दौरान 30 हजार 716 शिविर 42.96 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 41.7 लाख के करीब लोगों के आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
— सर्वाधिक 9 लाख आयुष्मान भारत योजना के आवेदन मिले थे जिनमें से 99 प्रतिशत आवेदनों को स्वीकृत कर निराकरण कर दिया गया। सबसे ज्यादा आवेदन भोपाल में 2.40 लाख , छिंदवाड़ा 2.18 लाख, उज्जैन में 2.13 लाख आवेदन आए।
— प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रथम चरण में एमपी में साढ़े 9.5 लाख मकान मिले थे जिनमें से 8.5 बनाकर मकान आवंटित किए हैं जिसके कारण मध्यप्रदेश को पुरस्कृत किया गया है।
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— पीएम आवास योजना 2.0 स्वीकृत हुई है जिसमें 10 लाख मकान मध्यप्रदेश में बनाए जाएंगे। BLC के तहत मकान बनाकर देंगे। अफॉर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप में अगर किसी व्यक्ति का प्लॉट या पट्टा है तो उसके खाते में पैसे भेजे जाएंगे। सिंगल वुमेन, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक के लिए बनेंगे मकान
— अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग योजना के तहत ऐसे लोगों को मकान बनाकर दिया जाएगा जो शहरी क्षेत्रों में आते हैं, या कहीं काम करते हैं। उनके लिए 10 लाख मकान बनाए जाएंगे। इनमें सिंगल वुमेन, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।
— पीएम आवास योजना के जरिए एमपी को झुग्गी मुक्त बनाने की ओर काम किया जाएगा।
— सेमी कंडक्टर में भी जापान के उद्योगपतियों ने निवेश की रूचि दिखाई थी जिसके लिए पॉलिसी कैबिनेट में पास हुई है। उम्मीद है कि इसके जरिए हजार 2 हजार करोड़ का इंवेस्टमेंट आ सकता है।
ऐसे समझें किसे क्या लाभ मिलेगा
प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजनाके अंतर्गत दस लाख आवास बनाए जाएंगे। स्वयं की भूमि पर आवास बनाने वाले को ढाई लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
इसमें डेढ़ लाख रुपये केंद्र और एक लाख रुपये राज्य सरकार से मिलेंगे। भू-संपदा विनियामक अधिकरण (रेरा) से पंजीकृत बिल्डर द्वारा बनाए आवास लेने पर अनुदान का वाउचर दिया जाएगा।
इसका प्रावधान योजना में प्रदेश सरकार की ओर से किया गया है। इसे मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया गया।
इसके साथ ही इंदौर की हुकमचंद मिल की भूमि पर हाउसिंग बोर्ड बड़ी आवासीय परियोजना लाएगा। इसका भी अनुमोदन किया गया। लागत निकालने के बाद इससे जो लाभ होगा, उसमें आधा हिस्सा इंदौर नगर निगम को दिया जाएगा।
ढाई लाख की सब्सिडी जारी रहेगी
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 शहरी प्रदेश में लागू करने की सहमति केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है। अब इसे लागू करने का अनुमोदन कैबिनेट द्वारा किया गया।
योजना में पांच वर्ष में दस लाख आवास निर्मित किए जाएंगे। स्वयं की भूमि पर आवास निर्माण के लिए ढाई लाख रुपये का जो अनुदान दिया जा रहा है, वह जारी रखा जाएगा।
बिल्डरों की एक वाइड श्रेणी बनाई जाएगी। इसमें वे बिल्डर शामिल किए जांएगे, जिनकी योजना को रेरा से अनुमति होगी और रिकार्ड अच्छा होगा।
योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को इनसे आवास लेने पर अनुदान का वाउचर दिया जाएगा। योजना में उन व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके पास कहीं भी पक्का आवास नहीं है।
नौ लाख रुपये तक की वार्षिक आय और राज्य व केंद्र सरकार की किसी भी आवास योजना में लाभ ले चुके व्यक्ति योजना के लिए अपात्र होंगे।
ऐसे व्यक्ति, जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक हो और उनके पास स्वयं का भूखंड हो, उन्हें मकान बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के माध्यम से ढाई लाख रुपये की मदद की जाएगी।
यह राशि तीन किस्तों में दी होगी। इसी तरह सरकारी या निजी एजेंसी की परियोजना में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 30 से 45 वर्ग मीटर का फ्लैट दिलाया जाएगा।