Rashtriya Ekta News : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार राज्य के विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है। अब सरकार पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। 2500 करोड़-2500 करोड़ रुपए का यह कर्ज 12 साल और 19 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा।
इस राशि का उपयोग विशेष रूप से लाडली बहना योजना, कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भुगतान में किया जाएगा। जानकारी के अनुसार सरकार भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेने के लिए बांड गिरवी रखेगी। इस कर्ज की राशि 25 सितंबर को सरकार के खाते में आएगी। प्रदेश सरकार का बजट पेश करने के बाद यह तीसरी बार है जब सरकार ने कर्ज लेने जा रही है।
3.95 लाख करोड़ का कुल कर्ज
मध्यप्रदेश सरकार अब तक कुल 3 लाख 95 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। इस कर्ज का प्रमुख उद्देश्य राज्य की विकास योजनाओं को गति देना और सामाजिक कल्याण योजनाओं को जारी रखना है। राज्य सरकार को प्रदेश के विकास कार्यों और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए कर्ज की आवश्यकता है।
कुछ दिनों पहले ही वित्त विभाग ने 125 योजनाओं की राशि वित्त विभाग की अनुमति से जारी होने का आदेश जारी किया था। वित्त विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि इन 125 स्कीमों के लिए जो पैसा खर्च होगा, वह बिना वित्त विभाग की अनुमति से या उसके डायरेक्ट परमिशन लेनी होगी, उसके बगैर नहीं किया जाएगा। जिसके बाद से सवाल उठ रहे थे कि मध्य प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति की वजह से कई योजनाओं के बंद होने का खतरा है।