HMPV Virus : दुनियाभर में 70 लाख से अधिक मौतों का कारण बनी घातक कोविड-19 महामारी के फैलने के 5 साल बाद, चीन में एक और वायरस ने दस्तक दे दी है. इसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी (HMPV) कहा जा रहा है. इस वायरस से संक्रमित मरीजों में सांस लेने में दिक्कत और फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. चीन में एचएमपी वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग इससे प्रभावित हो रहे हैं.
इससे कोविड-19 के बाद एक और स्वास्थ्य संकट की गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं, जिसने पड़ोसी देशों को स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के लिए मजबूर किया है. पिछले महीने चीन ने निमोनिया सहित सर्दियों की बीमारियों के लिए एक मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया था. चीन के स्वास्थ्य अधिकारी फिलहाल एचएमपीवी को कोविड-19 वायरस जैसी महामारी नहीं मान रहे हैं. ड्रैगन ने दिसंबर 2024 में कहा था कि वह रोगजनकों को संभालने के लिए एक प्रोटोकॉल स्थापित करने जा रहा है.
चीन के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने कहा कि वे प्रयोगशालाओं के लिए सांस संबंधी दिक्कतों के साथ फ्लू वाले मरीजों के मामलों को रिपोर्ट करने, उन्हें वेरीफाई करने और संभालने के लिए एक प्रक्रिया स्थापित करेंगे. एक आधिकारिक बयान से पता चलता है कि 16 से 22 दिसंबर के सप्ताह में चीन में सांस संबंधी बीमारियों के आंकड़ों में वृद्धि देखी गई है. SARS-CoV-2 (कोविड-19) नाम के हैंडल से X पर किए गए एक पोस्ट में दावा किया गया है कि चीन ने स्टेट ऑफ इमरजेंसी घोषित कर दी है.
एचएमपीवी के अलावा, चीन में कई अन्य वायरस के तेजी से फैलने का दावा किया जा रहा है, जिनमें इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 वायरस शामिल हैं. एक सोशल मीडिया हैंडल ने यह भी बताया कि चीन में बच्चों के अस्पतालों में निमोनिया और ‘व्हाइट लंग’ से ग्रसित मामलों की संख्या अचानक बहुत बढ़ गई है. चीन के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control) ने कहा कि वह देश में सांस और सीजनल इन्फ्लूएंजा के मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के संपर्क में है.
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ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक ऐसा वायरस है जिसके लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम के समान होते हैं. सामान्य मामलों में, यह खांसी या गले में घरघराहट, नाक बहने या गले में खराश का कारण बनता है. छोटे बच्चों और बुजुर्गों में, एचएमपीवी का संक्रमण गंभीर हो सकता है. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह वायरस गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.
एचएमपीवी फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है. वायरस आमतौर पर ऊपरी श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है लेकिन कभी-कभी श्वसन तंत्र के निचले हिस्से में संक्रमण का कारण बन सकता है. सर्दियों और वसंत ऋतु की शुरुआती में एचएमपीवी संक्रमण होना अधिक आम बात है. जबकि HMPV और SARS-CoV-2 (कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस) अलग-अलग वायरल फैमिली से संबंधित हैं, उनमें आश्चर्यजनक समानताएं हैं.
दोनों वायरस मुख्य रूप से इंसान के श्वसन प्रणाली को टारगेट करते हैं, जिससे हल्के से गंभीर संक्रमण होते हैं. एचएमपीवी भी कोविड-19 की तरह रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स (बोलते या खांसते वक्त मुंह से निकलने वाली बूंदें) और प्रदूषित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है. दोनों वायरस से संक्रमण के लक्षण समान हैं, जैसे- बुखार, खांसी, गले में खराश, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ होना. एचएमपीवी भी कोरोना वायरस की तरह बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों को अपनी चपेट में लेता है.
एचएमपीवी के संक्रमण से बचने के लिए, स्वास्थ्य अधिकारी बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने का सुझाव देते हैं. बिना धोए हाथों से आंखों, नाक या मुंह को छूने से बचें और जिन लोगों में सर्दी-जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, बुखार जैसे लक्षण हों उनके क्लोज कॉन्टैक्ट में आने से बचें. जिन लोगों में सर्दी जैसे लक्षण हैं उन्हें मास्क पहनना चाहिए. छींकते या खांसते समय अपने मुंह और नाक को ढकें और हैंडवॉश करें या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
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वर्तमान में, एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है. कोई टीका भी विकसित नहीं हुआ है. अगर किसी व्यक्ति में एचएमपीवी संक्रमण के लक्षण हैं तो उसे खुद को आइसोलेट करने और सामान्य देखभाल करने की सलाह दी जाती है.
जबकि कई सोशल मीडिया पोस्ट और रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन एक और महामारी से जूझ रहा है, वहां स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से किसी संभावित आपातकाल की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण, वायरस के बारे में जागरूकता और सावधानी इसके प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है.
भारत एचएमपीवी से निपटने के लिए तैयार है?
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का कोई मामला नहीं होने की पुष्टि की है. एनसीडीसी के निदेशक डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि एचएमपीवी सामान्य सर्दी के वायरस जैसा दिखता है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं. उन्होंने लोगों से स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया, जैसे किसी में सर्दी-खांसी और बुखार जैसे लक्षण हैं तो उसके संपर्क में आने से बचना. उन्होंने आश्वासन दिया कि घबराने की बात नहीं है और नियमित सर्दी या बुखार की दवाएं पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं.
डॉ. गोयल ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. भारत में सांस संबंधी बीमारियों के मामलों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है. अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड और अन्य जरूरी उपकरणों, दवाइयों की व्यवस्था की गई है. हालांकि सतर्कता महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि वर्तमान में भारत में एचएमपीवी से तत्काल कोई खतरा नहीं है.