Rashtriya Ekta News : मध्य प्रदेश के इंदौर में तीन साल पहले हुए बल्ला कांड में बीजेपी के पूर्व विधायक और कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को बड़ी राहत मिली है. विधायक रहते हुए नगर निगम के कर्मचारियों पर बल्ला चलाने के आरोप में एमपी-एमएलए कोर्ट ने आकाश विजयवर्गीय समेत 10 आरोपियों को बरी कर दिया है. जिस वक्त यह मामला सामने आया था तब आकाश विजयवर्गीय इंदौर-3 विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक थे. इस मामले में पीएम मोदी ने भी नाराजगी जताई थी. तीन साल बाद मामले का फैसला आया है, जिसमें सभी 10 आरोपी बरी हो गए हैं.
दरअसल, 26 जून 2019 को इंदौर में जर्जर मकान को लेकर इंदौर नगर निगम ने कार्रवाई की थी. इस दौरान स्थानीय लोगों ने तत्कालीन विधायक आकाश विजयवर्गीय को बुला लिया. विधायक ने आते ही नगर निगम की कार्रवाई का विरोध किया और कर्मचारियों को मौके से जाने के लिए कहा. इसी दौरान आकाश विजयवर्गीय की नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस से बहस हुई थी. इसके बाद क्रिकेट बेट से हमला करने का वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद देशभर में यह मामला चर्चा में आ गया था. जिस वक्त यह कांड हुआ था उस वक्त मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार थी.
आकाश विजयवर्गीय समेत 10 लोगों पर इस मामले में केस दर्ज हुआ था. इंदौर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आकाश समेत सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया है. दरअसल, नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस मामले में मुख्य गवाह थे वह बयान से पलट गए थे. जिसके बाद उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया है. फरवरी 2022 में अधिकारी ने अदालत में बयान बदला था. जिसके बाद अब तक चली सुनवाई में आखिरकार कोर्ट ने फैसला सुनाया और उन्हें बरी कर दिया.
इंदौर के इस बल्लाकांड की चर्चा देशभर में हुई थी. पीएम मोदी ने भी बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस घटना पर नाराजगी जताई थी. हालांकि जब आकाश विजयवर्गीय से इस बात को लेकर सवाल किया गया उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी पिता समान हैं उनकी डांट अच्छी लगती है. वहीं 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आकाश विजयवर्गीय का टिकट काट दिया था. उनकी जगह इंदौर-3 से गोलू शुक्ला को टिकट मिला था. हालांकि आकाश के पिता और बीजेपी के सीनियर नेता कैलाश विजवयर्गीय इंदौर-1 सीट से विधानसभा चुनाव में उतरे थे, जहां चुनाव जीतकर वह मोहन सरकार में सीनियर मंत्री भी हैं.
बता दें कि आकाश विजयवर्गीय बीजेपी के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय चुनाव नहीं लड़े थे. लेकिन पार्टी ने उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट दिया था. जहां चुनाव जीतकर वह विधायक बने थे. वहीं 2019 में बल्ला कांड हुआ था. इससे पहले भी आकाश विजयवर्गीय कई बार अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे हैं.