Rashtriya Ekta News : मध्य प्रदेश में नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे 8000 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों को जोरदार झटका लगा है. स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अतिथि का मतलब ही मेहमान होता है. स्कूली शिक्षा मंत्री के बयान से आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 8000 से ज्यादा अतिथि शिक्षक स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वे अपने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. अतिथि शिक्षकों को स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने झटका दे दिया है.
स्कूली शिक्षा मंत्री से मीडिया ने जब अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के बारे में पूछा तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, ”अतिथि का मतलब ही मेहमान होता है. जहां पर शिक्षकों की कमी है वहां अतिथि शिक्षकों को लगातार काम दिया जा रहा है, लेकिन अतिथि स्थाई नहीं हो सकता है. मेहमान आते हैं तो वह वापस भी चले जाते हैं.” स्कूली शिक्षा मंत्री के बयान के बाद अतिथि शिक्षकों की उम्मीद पर पानी फिर गया है.
अतिथि शिक्षक अपने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें सबसे प्रमुख मांग स्थाई करने की है. उनकी मांगे है कि अनुभव का आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षकों को वर्ष भर का सेवाकाल और पद को स्थाई किया जाए. इसके अलावा 30% से कम परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों को एक बार और मौका दिया जाए. गुरुजी की तरह अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर नियुक्ति की जाए. इसके अलावा अतिथि शिक्षक भर्ती में वार्षिक अनुबंध सत्र 2024-25 से लागू करें.