MP News : मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक वायरल ऑडियो को लेकर सियासी भूचाल आ गया है. इस ऑडियो में कथित तौर पर बीजेपी की एक महिला नेत्री और एक अन्य नेता आपस में बातचीत करते सुने जा रहे हैं, जिसमें जैन समाज पर अभद्र टिप्पणी की गई है. आरोप है कि इस बातचीत में जैन समाज की तुलना मुस्लिम समाज और रावण से तक कर दी गई.
हालांकि, Rashtiyaekta.com इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता, लेकिन कहा जा रहा है कि यह ऑडियो बीजेपी की मंडल अध्यक्ष जागृति शुक्ला (Jagriti Shukla) और विधायक अभिलाष पांडे के प्रतिनिधि के साथ ही पूर्व मंडल अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह राजपूत के बीच का है.
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ऑडियो वायरल होते ही जैन समाज का गुस्सा फूट पड़ा
जैसे ही यह ऑडियो 16 अप्रैल को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, वैसे ही जैन समाज का आक्रोश फूट पड़ा. जैन पंचायत सभा के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में लोग रातों-रात सड़कों पर उतर आए. समाज के लोगों ने जबलपुर के कोतवाली थाने का घेराव करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. थाने के बाहर से लेकर भीतर तक नारेबाजी और धरना प्रदर्शन होता रहा. समाज का कहना था कि इस तरह की टिप्पणी उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है.
जैन समुदाय से शांति बनाए रखने की अपील- पुलिस
जैन पंचायत सभा के अध्यक्ष कैलाश जैन ने दावा किया कि यह ऑडियो बीजेपी नेताओं की बातचीत का है और ऐसे लोगों को पार्टी में बने रहने का कोई हक नहीं है. उन्होंने तत्काल गिरफ्तारी और FIR की मांग की. बढ़ते विरोध के बीच पुलिस के आला अधिकारी भी कोतवाली थाने पहुंचे. एडीशनल एसपी आनंद कलादगी ने समाज के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और उन्हें वैधानिक कार्रवाई का भरोसा दिलाया. इसके बाद कोतवाली थाने में शैलेंद्र राजपूत के खिलाफ FIR दर्ज की गई.
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BJP ने दिखाया बाहर का रास्ता
विरोध के दबाव में देर रात ही BJP ने बड़ा कदम उठाते हुए दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने आदेश जारी करते हुए जागृति शुक्ला और अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह राजपूत को पार्टी से निष्कासित कर दिया. यह फैसला पार्टी की ओर से समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए लिया गया.
हालांकि, जैन समाज अभी भी इस मामले को लेकर सतर्क है. उनका कहना है कि यदि जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे एक बार फिर से आंदोलन के लिए मजबूर होंगे. जैन पंचायत सभा ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है.