Rashtriya Ekta News : सियासत में कब क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है. एक बार फिर से ही उदाहरण देखने को मिला है. कभी मध्य प्रदेश सरकार में दो बार मंत्री रहे कमल पटेल को सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है. केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री दुर्गादास उइके ने पूर्व मंत्री कमल पटेल को सांसद प्रतिनिधि बनाया है.
कमल पटेल एमपी सरकार में पूर्व में मंत्री रहे हैं. कमल पटेल 2023 विधानसभा चुनाव हार गए गए थे. पटेल ओबीसी के बड़े नेता माने जाते हैं. हालांकि, सवाल खड़ा होता है रुतबे में पार्षद से भी छोटा रहने वाले सांसद प्रतिनिधि के पद को पटेल ने क्यों स्वीकार किया. बैतूल सांसद दुर्गादास उइके ने पटेल को हरदा जिले का सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया है.
कहा जा रहा है कि जिले में राजनीतिक खींचतान के कारण पटेल सांसद प्रतिनिधि बने हैं, क्योंकि वे जिला योजना के साथ तमाम मीटिंगों में शामिल रहना चाहते हैं. यही नहीं पटेल 2014 लेकर 2018 तक भी सांसद प्रतिनिधि रह चुके हैं. हालांकि इस बार अंदरूनी खींचतान बड़ी वजह बन हुई है.
दरअसल, पटेल हरदा नगर पालिका की मीटिगों में हिस्सा लेना चाहते हैं, लेकिन कोई जरूरी पद नहीं होने की वजह से वे ऐसा नहीं कर पा रहा थे. हरदा नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा की पार्षद भारती राजू कमेडिया को अध्यक्ष चुना गया था, पति राजू अभी तक बतौर सांसद प्रतिनिधि बैठकों में शामिल होते थे. यही वजह है कि पटेल ने दोबारा सांसद प्रतिनिधि बनना मंजूर कर लिया.
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव हरदा विधानसभा सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ था. कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. आरके दोगने ने तात्कालीन कृषि मंत्री कमल पटेल को हरा दिया था. हरदा विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है. कमल पटेल 2 दशक से जीतते हुए आ रहे थे. हालांकि, कमल पटेल साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भी डॉ. रामकिशोर दोगने से हार चुके थे. 2018 में उस हार का बदला लिया था.