MP News : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उमरिया जिले में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के किसानों और आम जनता के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं है।
जिनमें धान किसानों को प्रति हेक्टेयर 2 हजार रुपए की आर्थिक सहायता, गेहूं की सरकारी खरीद 2 हजार 6 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से करने, डेयरी किसानों से दूध खरीदने और उन्हें बोनस देने, सिंचाई के लिए सोलर पंप उपलब्ध कराने जैसी योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, उमरिया में सोन नदी पर दो नए पुलों के निर्माण और हर शहरी निकाय में गीता भवन बनाने की भी घोषणा की गई।
किसानों के लिए राहत
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई घोषणाएं कीं। सरकार धान उत्पादकों को प्रति हेक्टेयर 2 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, जिससे वे अपनी खेती में सुधार कर सकें। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी।
गेहूं किसानों को भी राहत दी गई है, जहां राज्य सरकार 2 हजार 6 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद करेगी। सरकार का यह कदम किसानों को उचित मूल्य दिलाने और कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
डेयरी किसानों को मिलेगा बोनस
वहीं, राज्य सरकार ने डेयरी किसानों को भी योजनाओं का लाभ देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सरकार डेयरी किसानों से दूध खरीदेगी और उन्हें बोनस भी प्रदान किया जाएगा।
इसके साथ ही, किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे बिजली और डीजल पर निर्भरता कम कर अधिक लागत प्रभावी तरीके से खेती कर सकें।
गीता भवन और पुलों का निर्माण
मुख्यमंत्री ने हर शहरी निकाय में गीता भवन बनाने की घोषणा की, जिससे लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए एक समर्पित स्थल मिल सके।
इसके अलावा, उमरिया जिले में सोन नदी पर 45 करोड़ रुपए की लागत से एक नया पुल और 32 करोड़ रुपए की लागत से दूसरा पुल बनाया जाएगा, जिससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त, 6 सौ मेगावाट की थर्मल पावर परियोजना शुरू करने की घोषणा भी की गई, जिससे राज्य में बिजली उत्पादन में वृद्धि होगी।
गौशालाओं का विस्तार
प्रदेश में निराश्रित और अशक्त गौ-वंशों की देखभाल के लिए सरकार शासकीय गौशालाएं खोलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक गौ-वंश के लिए 40 रुपए प्रतिदिन दिए जा रहे हैं।
साथ ही, जो लोग 10 या उससे अधिक गायों का पालन-पोषण करेंगे, उन्हें सरकार की ओर से विशेष अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति गौ-वंश का पालन करता है, वह “गोपाल” कहलाता है और जिस घर में गाय होती है, उसे “गोकुल” कहा जाता है।
आम जनता के कल्याण के लिए
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों, मजदूरों और आम जनता के कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं का लाभ पारदर्शिता के साथ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाया जाएगा। सरकार का लक्ष्य राज्य में कृषि और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना, अधोसंरचना का विस्तार करना और धार्मिक तथा सांस्कृतिक विकास को भी प्राथमिकता देना है।
पीएम कुसुम योजना
सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम कुसुम योजना के तहत अब 169 किसानों के साथ पॉवर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया जाएगा। इस समझौते के बाद किसान लगभग 100 मेगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र शुरू कर सकेंगे और सरकार को 3.25 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली बेचने में सक्षम होंगे।
इस संबंध में एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) ने ऊर्जा विकास निगम को पत्र भेजकर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
पत्र में क्या कहा गया
इस पत्र में कहा गया है कि ऑनलाइन पंजीकरण के बाद चयनित किसानों के साथ जल्द से जल्द पीपीए किया जाए। सूची में शामिल 169 आवेदकों को आवश्यक दस्तावेज अगले दो दिनों में जमा करने होंगे, जिसके बाद 21 और 22 फरवरी को उनके साथ औपचारिक समझौता किया जाएगा। किसानों द्वारा 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
नियमों के मुताबिक, सेंक्शन लेटर मिलने के 30 दिनों के भीतर किसानों को एग्रीमेंट के लिए सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया 10 महीने से अधिक समय से लंबित थी।
अब सरकार द्वारा इस योजना को गति देते हुए किसानों को सौर ऊर्जा उत्पादन से जोड़ने की पहल की जा रही है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत उपलब्ध होगा।