Ladli Behna Yojana : मध्य प्रदेश में महिलाओं की आर्थिक मजबूती और सशक्तीकरण के लिए मोहन यादव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. लाड़ली बहनो को 1250 की राशि देने के बाद अब महिला श्रमिकों को सरकार नई सौगात देने जा रही है.
उद्योग में कार्यरत महिला श्रमिकों को मोहन सरकार ने 5 हजार का इंसेटिव देने का फैसला किया है. मकर संक्राति के मौके पर महिला सशक्तिकरण पर कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है.
इस बार लाड़ली बहना योजना की 20वीं किस्त 12 जनवरी को आएगी. इस बार लाड़ली बहना योजना से 1 लाख 63 हजार लाभार्थियों के नाम काट दिए गए हैं. वहीं, अब मोहन सरकार महिला श्रमिकों को 5,000 रुपये इंसेटिव देने की योजना बना रही है.
सीएम मोहन यादव ने दिया अपडेट
लाड़ली बहना योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं के खातें में हर महीने 1250 रुपए की राशि ट्रांसफर की जाती है. लाभार्थी महिलाएं इसका बेसब्री से इंतजार कर रही हैं.
इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसकी तारीख को लेकर बड़ा अपडेट दिया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लाडली बहना योजना को लेकर लिखा कि, 12 जनवरी से प्रदेशभर में स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन का शुभारंभ होगा. उसी दिन मैं शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील से लाड़ली बहनों के खातों में “लाड़ली बहना योजना” की राशि ट्रांसफर करूंगा.’
बदलेगी प्रदेश की तस्वीर
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चार जातियों- गरीब, युवा, महिला और किसान के विकास और उत्थान का विजन दिया है. इस पर पर काम करते हुए प्रदेश सरकार मकर सक्रांति पर महिला सशक्तिकरण पर आधारित एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है.
महिलाओं के जीवन में सशक्तता लाने, आर्थिक स्थिति मजबूत करने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है. सीएम मोहन ने कहा कि युवा शक्ति मिशन के जरिए प्रदेश सरकार युवाओं की भी बेहतरी के लिए अभियान शुरू करने जा रही है. हमारा प्रयास है कि युवा, महिला, गरीब किसान के जीवन में नया बदलाव आए. सरकार की योजनाओं के बलबूते पर निश्चित रूप से प्रदेश की तस्वीर बदलेगी.
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महिला श्रमिकों को 5 हजार का इंसेटिव
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया, “रेडीमेड गारमेंट समेत कई प्रकार के उद्योगों में महिला श्रम आधारित रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रति महिला श्रमिक 5 हजार रुपये का इंसेटिव देने की योजना बनाई जा रही है.
रेडीमेड गारमेंट पर आधारित अलग अलग प्रकार के कारखाने खुलने जा रहे हैं. इनमें से कुछ कारखानों की शुरुआत भी हो चुकी है, जिनमें महिला श्रमिकों को प्राथमिकता दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपने संकल्प पत्र में जो वादे किए उन्हें हम पूरा कर रहे हैं. इसी उद्देश्य से महिलाओं के लिए बेहतर योजना लेकर आ रहे हैं.