Rashtriya Ekta News : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय दौरे पर बुधवार 18 सितंबर को मध्यप्रदेश आईं। इंदौर में मृगनयनी एम्पोरियम में हाथकरघा पर बनी रेशम, कॉटन की चंदेरी व महेश्वरी साडिय़ां देखीं। और यहां उपस्थित सभी कलाकारों और बुनकरों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कर्मचारी से साड़ी चुनने कहा तो, कर्मचारी ने हल्की पिंक महेश्वरी साड़ी पसंद कर दी। मुर्मु ने एक और साड़ी खरीदी और यूपीआइ से 33 हजार रुपए का बिल पे किया। उन्होंने जनजातीय क्षेत्र के हस्तशिल्पी, बुनकरों से चर्चा की।
भोपाल निवासी गोंड चित्रकार पद्मश्री दुर्गाबाई श्याम, और झाबुआ के कलाकार दंपती पद्मश्री रमेश व शांति परमार से प्रभावित हुईं। उनकी कला को सराहा। मुर्मू ने कहा, हमारी संस्कृति को संजो कर रखने की जरूरत है। इस दौरान गोंडी भित्ति चित्रकार दुर्गा श्याम ने उन्हें अपनी बनाई हुई पेंटिंग गिफ्ट की तो वहीं, झाबुआ की परमार दंपती ने अपनी प्रसिद्ध झाबुआ की गुड़िया और जनजातीय प्रतीक चिन्ह राष्ट्रपति को भेंट किया।
मृगनयनी के स्टाफ ने बताया कि राष्ट्रपति को कोसा सिल्क और महेश्वरी सिल्क की दो साड़ियां पसंद आईं। उन्होंने ये दोनों ही साड़ियां खरीदीं। इनमें से एक साड़ी 14 और एक साड़ी की कीमत 19 हजार रुपए है। इस तरह राष्ट्रपति ने कुल 33 हजार रुपए की दो साड़ियों की खरीदारी की। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी राष्ट्रपति को अपनी ओर से चंदेरी साड़ी तोहफे के रूप में दी। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी मौजूद थे।
धार जिले के रहने वाले हस्तशिल्प कलाकार मुबारिक खान ने इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बाग प्रिंट के बारे में जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को साड़ी भी उपहार में दी। राष्ट्रपति गुरुवार यानी आज हेलिकॉप्टटर से उज्जैन जाएंगी। महाकाल की पूजा के बाद दोपहर 3.20 बजे इंदौर में डीएवीवी में दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। 46 टॉपर्स को गोल्ड और सिल्वर मेडल देकर सम्मानित करेंगी।
राष्ट्रपति करेंगी इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन का भूमिपूजन
साढ़े 12-12 मीटर चौड़ी रहेगी दोनों लेन, 35-40 मिनट में तय होगी दूरी इंदौर-उज्जैन फोरलेन को सिक्सलेन में बदला जाना है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को इसके लिए भूमिपूजन करेंगी. इसके बाद निर्माण शुरू हो जाएगा. 1600 करोड़ से ज्यादा में ठेका दिया गया है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) और निर्माण एजेंसी के बीच अनुबंध हो चुका है. इसके तहत सिक्स लेन में अंडरपास और फ्लाईओवर बनाए जाएंगे, जिससे रास्ता और भी आसान हो जाएगा.
इंदौर-उज्जैन के बीच आने-जाने का समय भी घटेगा. ढाई साल में काम पूरा करने का टारगेट है. फोरलेन में अभी साढ़े आठ मीटर की दो चौड़ी सड़कें हैं. यानी इस वक्त मार्ग की चौड़ाई कुल 17 मीटर है. अब सिक्सलेन में प्रत्येक रोड का हिस्सा 12.5-12.5 मीटर चौड़ी होगी. सिक्स लेन बनने के बाद इंदौर-उज्जैन रोड कुल चौड़ाई 25 मीटर हो जाएगी.जानिए क्या है पूरा प्रोजेक्ट और इससे क्या फायदा होगा.
सिंहस्थ 2028 और 25 साल की जरूरत को देखते हुए इसे बनाया जा रहा है. फिलहाल इंदौर-उज्जैन रूट पर रोजाना 25 हजार से ज्यादा वाहनों का बोझ है. 55 किलोमीटर का सफर 35 से 40 मिनट में पूरा हो सकेगा. अभी 60 से 70 मिनट लगते हैं. रोड की डिजाइन इस तरह प्लान की है कि दुर्घटना की गुंजाइश न्यूनतम हो.
अनुमान है कि सिंहस्थ 2028 तक इस हाईवे पर ट्रैफिक लोड हर दिन 60 हजार से ज्यादा वाहनों का रहेगा. सिक्स लेन हाईवे होने से ट्रैफिक दबाव महसूस नहीं होगा. रोड से लगी इंदौर शहरी क्षेत्र की करीब 1 लाख आबादी को भी राहत मिलेगी. महाकाल दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु इंदौर रूट से उज्जैन जाते है. उन्हें भी फायदा होगा.