MP News : मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर ऐसा बयान दिया है कि राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है. मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि राहुल गांधी की औकात नहीं कि वो आरएससए प्रमुख मोहन भागवत पर बयान दें.
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदिरा भवन को लेकर कहा कि कांग्रेस की परंपरा रही है कि बड़े-बड़े नेताओं को छोड़कर कांग्रेस परिवार के छोटे नेताओं को आगे बढ़ाया गया. मुझे कोई हैरानी नहीं है कि उसका नाम इंदिरा भवन रखा गया. ये परिवारवाद का सीधा उदाहरण है.
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मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि आरएससए प्रमुख मोहन भागवत पर कमेंट करने की राहुल गांधी की औकात नहीं है. राहुल गांधी पर एफआईआर होनी चाहिए, जो विदेश जाकर अपने देश की बुराई करते हैं.
बता दें कि नई दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, मोहन भागवत हर दो-तीन दिन में अपने बयानों से देश को यह बताते रहते हैं कि वह स्वतंत्रता आंदोलन, संविधान के बारे में क्या सोचते हैं. उन्होंने हाल ही में जो कहा वह देशद्रोह है, क्योंकि उनके बयान का मतलब है कि संविधान का कोई औचित्य नहीं है, अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई का महत्व नहीं है.
कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर बवाल
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बयान को लेकर सियासी वार छिड़ गई है. कांग्रेस प्रवक्ता अमिश शर्मा ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय का बयान बेहद निंदनीय है. वे बयान पर माफी मांगे. यही बीजेपी के संस्कार हैं. ऐसे बयान सस्ती लोकप्रिय के लिए देते हैं. ऐसे बयानों के चलते पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कैलाश विजयवर्गी को किनारे लगाया. राष्ट्रीय से प्रदेश की राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय फेंके गए. राहुल गांधी पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने की औकात विजयवर्गीय की नहीं है.
इधर, प्रवक्ता बीजेपी बृजगोपाल लोया का कहना है कि उर्दू वालों और उर्दू को पसंद करने वालों को उर्दू का मतलब नहीं पता. औकात का मतलब हैसियत और क्षमता होता है. राहुल गांधी में किसी भी प्रकार की क्षमता नहीं है. असलियत को सुन कांग्रेस बौखला रही है. मोहन भागवत राहुल गांधी की समझ से कहीं परे हैं. कांग्रेस की नैया डुबाने में राहुल गांधी का हाथ है. विपक्ष की भूमिका राहुल गांधी नहीं निभा पा रहे हैं. सच्चाई को सहन करने की क्षमता भगवान कांग्रेस को दे.